श्रीनगर। कश्मीर में वर्ष 2020 काफी बेहतर रहा। कानून-व्यवस्था को बनाने के लिए सुरक्षाबलों को कोई बड़ी मेहनत नहीं करनी पड़ी। दरअसल, कश्मीर में बड़े हिंसक प्रदर्शन नहीं हुए। किसी प्रदर्शनकारी की जान नहीं गई। पिछले दो वर्षों में कश्मीर में काफी बदलाव देखा गया है। जिस कश्मीर में हर साल दर्जनों प्रदर्शनकारियों की जान जाती थी उस कश्मीर में पिछले दो सालों में सिर्फ दो लोगों की जान प्रदर्शन के दौरान गई है। वह भी सुरक्षाबलों के हाथों नहीं बल्कि अपनी लापरवाही के कारण उनकी मौत हुई। अब कश्मीर में आतंकियों के मारे जाने के बाद की घटनाएं पहले के मुकाबले कम होती हैं।
वर्ष 2020 में कश्मीर में 143 प्रदर्शन के मामले हुए लेकिन यह बड़े स्तर के प्रदर्शन नहीं थे। कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं हुआ। ये सभी छोटे स्तर के प्रदर्शन थे, जिन्हें सुरक्षाबलों की तरफ से मौके पर ही कंट्रोल कर लिया गया। कश्मीर में पूरा साल कोई बंद की कॉल नहीं आई। हर साल कश्मीर में कई बार अलगाववादियों की तरफ से बंद की कॉल दी जाती थी। इसके बाद हर जिले में प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो जाता था लेकिन वर्ष 2020 में ऐसा कुछ नहीं हुआ। मुठभेड़ के दौरान यहां प्रदर्शनकारी पथराव करने के लिए जमा होते दिखाई देते थे। वहां पर हालात ऐसे बने कि सुरक्षाबलों के कहने पर लोग आतंकियों को सरेंडर करने की अपील करते दिखाई दिए।
-वर्ष 2019 में कश्मीर में 584 प्रदर्शन हुए थे
वर्ष 2019 में कश्मीर में 584 प्रदर्शन हुए थे, इस साल दो लोगों की जान गई थी। इन दो लोगों की जान भी लापरवाही के कारण गई है। क्योंकि प्रदर्शन के दौरान ये लोग गाड़ी के आगे आ गए। इसकी वजह से उनकी जान चली गई। इसके अलावा सुरक्षाबलों की फायरिंग में कोई जान नहीं गई।
2020 में कई आतंकी कमांडरों को मार गिराया
कश्मीर में सुरक्षाबलों ने वर्ष 2020 में कई आतंकी कमांडरों को मार गिराया। उनके मारे जाने के बाद भी कोई हिंसक प्रदर्शन या फिर बंद नहीं हुआ। इससे साफ है कि अब कश्मीर के लोगों को उम्मीद है। वे हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला छोड़ रहे है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना है कि कश्मीर में पिछले दो सालों में हालात पूरी तरह से बदलते दिखाई दिए हैं। पुलिस को जनता का पूरा सहयोग मिला है। इस साल भी सुरक्षाबल जनता से यही उम्मीद करते हैं।