
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर सोमवार को कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में तकनीक के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए शोधकर्ताओं की सराहा की। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट कर कहा, “विश्व को कोरोना मुक्त बनाने के प्रयासों में टेक्नोलॉजी कई प्रकार से मदद कर रही है। कोरोनवायरस को हराने के तरीकों पर अनुसंधान और नवाचार का कार्य कर रहे शोधकर्ताओं को मैं सलाम करता हूं। हम एक स्वस्थ और बेहतर ग्रह बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग (इसी प्रकार से) करते रहें।”
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और तत्कालीन वैज्ञानिक एवं पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में वर्ष 1998 में परमाणु मिसाइलों के सफल परीक्षण को चिह्न्ति करने के लिए प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इन्हीं सफल परीक्षणों के बाद पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने भारत को परमाणु संपन्न राज्य घोषित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोखरण परमाणु परीक्षणों को याद करते हुए ट्वीट में लिखा, “हमारा देश राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर उन सभी को सलाम करता है, जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रहे हैं। हम 1998 में आज के ही दिन (11 मई) अपने वैज्ञानिकों को मिली असाधारण उपलब्धि को याद करते हैं। यह भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम से एक पुराना वीडियो भी साझा किया। इसमें उन्होंने एक बार भारतीय वैज्ञानिकों और परीक्षणों के बारे में बात की थी। उन्होंने वीडियो साझा कर कहा, “भारत के वैज्ञानिकों द्वारा अटलजी के उल्लेखनीय नेतृत्व में हुए पोखरण परीक्षण के बारे में मैंने अपने मन की बात के एक कार्यक्रम के दौरान यह कहा था।” प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा था कि पोखरण में हुए परीक्षणों से पता चलता है कि एक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व अंतर ला सकता है।