बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालन्दा को कृषि के मामले में बिहार का हरियाणा कहा जाता है। यहां के जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के सब्जी पैदा करने वाले किसानों में पुलिस का खौफ व्याप्त है। ये खौफजदा किसान रतजगा कर आधी रात को ही टॉर्च की रौशनी में सब्जियां तोड़ रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान किसानों को काम करने, अपनी फसल और पैदावार को बाज़ार ले जाने की छूट है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री के गृह जिले के किसान पुलिस के डर से रात के अँधेरे में टोर्च की रोशनी में सब्जियाँ तोड़ रहे हैं। खेत उनका है, फसल उन्होंने लगाईं है लेकिन अपनी ही फसल को चोर की तरह छुप कर तोड़ना पड़ रहा है। किसानों का आरोप है कि दिन में लॉकडाउन की वजह से पुलिस उन्हें घर से बाहर निकलने नहीं देती और सब्जी लेकर दिन में बाज़ार जाने नहीं देती इसलिए वे रात में ही फसल तोड़ते हैं। रात में ही सब्जी मंडी पहुँच जाते हैं। सुबह होने के पहले ही ये किसान सब्जियों को मंडी तक पहुंचा कर घर लौट आते हैं।
लॉकडाउन के दौरान पुलिस जुल्म का विरोध करना बिहारशरीफ के सब्जी उत्पादक किसानों के लिए भारी महंगा साबित हुआ है। किसानों ने 13 अप्रैल को मामू- भगीना के सामने एनएच 20 को 4 घंटों तक जाम रखा, आगजनी भी की और बीच सड़क पर सब्जियों को फेंक दिया था।
इस संबंध में लहेरी थाना पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में कुल 403 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इनमें 53 किसानों को नामजद तथा 350 सौ अज्ञात लोगों को आरोपित किया गया था। तब से किसानों में पुलिस के डंडे का भय साफ देखा जा रहा है। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच पुलिस-प्रशासन सख्ती कर रही है। वहीं किसानों की भी अपनी अलग समस्या है खेतों में सब्जियों की फसल खड़ी है, पर बाजार तक पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। उन्हें पुलिस-प्रशासन के डंडे का डर अलग ही रहता है। इसी क्रम में कहीं-कहीं पुलिस-प्रशासन के रवैए से बिहारशरीफ के किसान काफी भयभीत नजर आ रहे हैं।
आलम यह है कि नालंदा के कुछ इलाकों के किसान आधी रात में टॉर्च की रोशनी में सब्जियां तोड़ते देखे जा रहे हैं। रात में सांप-बिच्छू के काटने का डर रहता है पर पुलिसिया खौफ के चलते किसान टॉर्च की रौशनी में ही फसल तोड़ने के लिए मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि वे आधी रात को अपनी मेहनत से उगाई गई सब्जियां तोड़ते हैं। इन्हें तोड़ने के बाद सब्जी मंडी ले जाने और बेच कर वापस लौटने के क्रम में पुलिस पिटाई करती है। कोरोना के कारण हम लोग पुलिस से बचने और अपने घर का खर्च चलाने के लिए आधी रात को ही सब्जियां तोड़ने को मजबूर हैं।
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