रायपुर। फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर शासन की ओर से कार्रवाई के आदेश के बावजूद अब भी कई अधिकारी-कर्मचारी पद पर बने हुए हैं। बता दें कि 3 दिसंबर को फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश जारी किया है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारी की तुरंत बर्खास्तगी हो साथ ही जिन्होंने कोर्ट में स्टे ले रखा है, उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से तुरंत हटाया जाए।
-जांच के बाद 267 मामलों में मिले फर्जी जाति प्रमाण पत्र
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण, छानबीन समिति रायपुर को वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक फर्जी, गलत जाति प्रमाण पत्र के कुल 758 प्रकरण प्राप्त हुए थे, जिनमें से 659 प्रकरणों का जांच उपरांत निराकरण किया गया है। शेष 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं।
-तत्काल प्रभाव से महत्वपूर्ण पदों से अलग करें
राज्य सरकार ने कहा है कि अगर फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में किसी अधिकारी-कर्मचारी को हाईकोर्ट ने अगर स्टे दे भी रखा है और वे महत्पूर्ण जिम्मेदारी हैं, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से महत्वपूर्ण पदों से अलग किया जाये। साथ ही जिन्हें हाईकोर्ट से स्टे नहीं मिला है, उन्हें तत्काल नौकरी से बर्खास्त किया जाये। सामान्य प्रशासन विभाग ने 15 दिन के भीतर इस मामले में कार्रवाई कर रिपोर्ट तलब की है। आपको बता दें कि अधिकांश मामले उच्च न्यायालय में विचाराधीन है अथवा संबंधित कर्मचारी स्थगन आदेश ले आये हैं। पिछले दो वर्षों में 75 प्रकरण फर्जी, गलत पाए गए हैं। इन प्रकरणों में उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्ति के पश्चात कई अधिकारी, कर्मचारी अभी भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं।