रायपुर।धान खरीदी के मौजूदा संकट के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। वहीं भाजपा इसके लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार बताने की कोशिश में है। छत्तीसगढ़ में धान का बवाल जारी है। इस बीच केंद्रीय रेलवे और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने फोन कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात की है। गोयल ने मुख्यमंत्री से छूटते ही सवाल पूछा है कि कहीं आप लोग किसानों को बोनस तो नहीं दे रहे हैं? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद इस बातचीत की जानकारी दी है। रायपुर में संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया, दोपहर में पीयूष गोयल का फोन आया था। वे पूछ रहे थे कि चावल क्यों नहीं जमा हो रहा है। वे मंत्रालय से अधिकारी भेजेंगे। सारी बातें स्पष्ट की जाएंगी। उन्होंने पूछा कि कहीं सरकार किसानों को धान का बोनस तो नहीं दे रही है। मैंने कहा, नहीं समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान के साथ मक्का और दूसरी फसलों के लिए सहयोग किया जा रहा है। यह वैसा ही है जैसा किसान सम्मान निधि से राशि दी जा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, बुधवार को मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने पीयूष गोयल को फोन लगाया था। उस समय उन्होंने किसान आंदोलन के नेताओं के साथ बैठक में व्यस्तता का हवाला दिया था। बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय बात हुई। प्रधानमंत्री से बात नहीं हो पाई। बाद में प्रधानमंत्री से भी बात हुई। उन्होंने कहा, इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है। छत्तीसगढ़ में इन दिनों धान की सरकारी खरीदी चल रही है। सरकार 12 लाख से अधिक किसानों से 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीद चुकी है। धान की मीलिंग के बाद बना हुआ चावल एफसीआई के गोदामों में जमा नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से धान जाम हो गया है। अगर समाधान नहीं हुआ तो धान खरीदी बंद हो सकती है।
प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर समस्या की जानकारी दी है। उन्होंने उनसे मुलाकात का समय मांगा ताकि वे मंत्रियों के साथ उनसे बात करने जा सकें। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने बारदाना संकट का भी जिक्र करते हुए चावल जमा करने का आदेश तत्काल जारी कराने की मांग की है।