म्यांमार में तख्तापलट के बाद अत्याचार से बचने को अपने मां-बाप के साथ मिजोरम भागकर शरण लेने आए 29 छात्र व छात्राएं इसी माह राज्य की बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए तैयार हैैं। यह जानकारी मिजोरम के शिक्षा मंत्री लालचम्दामा राल्ते ने दी है।
उन्होंने बताया कि म्यांमार के इन शरणार्थी छात्र-छात्राओं में से 27 ने दसवीं की परीक्षा के लिए अपना पंजीकरण कराया है जबकि बारहवी की परीक्षा के लिए केवल दो छात्रों का पंजीकरण हुआ है। म्यांमार से जान बचाकर भागे इन छात्र-छात्राओं ने मिजोरम के सियाहा और चम्फाई जिलों में शरण ली है। यह म्यांमार की सीमा से लगे भारतीय राज्य मिजोरम के पूर्वी हिस्से में स्थित हैैं। राल्ते ने बताया कि राज्य सरकार ने पहले एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें म्यांमार के नागरिकों के बच्चों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई थी। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि म्यांमार के एक हजार बच्चों का पंजीकरण मिजोरम के विभिन्न स्कूलों में कराया गया है।
पिछले साल फरवरी में म्यामांर में सैन्य शासन होने के बाद से हजारों की तादाद में वहां के नागरिक भागकर मिजोरम में शरण ले रहे हैैं। उनमें से बहुत से लोग मिजोरम के ग्रामीण इलाकों के सामुदायिक केंद्रों, स्कूलों और राहत शिविरों में रह रहे हैैं। मिजोरम बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन (एमबीएसई) की दसवीं की परीक्षाएं 28 फरवरी और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं एक मार्च से शुरू हो रही हैैं। यह बोर्ड परीक्षाएं आनलाइन फार्मेट में होंगी।