मंदिरों में आमतौर भगवान को माला-फूल, मिठाइयां आदि चढाई जाती है। मगर देश में एक मंदिर भी है, जिसकी परंपरा अनोखी है। इस मंदिर में श्रद़धालु और भक्त मिठाई-फूल जगह पत्थर चढ़ाते हैं। जी हां, आज हम ऐसे ही एक मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे है। यह मंदिर बेंगलुरु-मैसूर नेशनल हाईवे के मांड्या शहर में स्थित है।
किरागांदुरू-बेविनाहल्ली रोड पर बना कोटिकालिना काडू बसप्पा मंदिर पत्थर चढ़ाए जाने के लिए प्रसिद्ध है। अगर आप यहां दर्शन करने के लिए जाते हैं तो आपको प्रसाद के तौर पर पत्थर चढाने होंगे। आप किसी भी साइज़ का पत्थर भगवान को समर्पित कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि आप एक बार में केवल 3 या 5 पत्थर ही भगवान को चढ़ा सकते हैं। इस मंदिर में पत्थर चढ़ाने की परंपरा के कारण मंदिर के बाहर कई साइज़ के ढेरों पत्थर इकठ्ठे हो गए हैं। यह मंदिर बेंगलुरु-मैसूर नेशनल हाईवे पर मांड्या शहर से महज़ 2 किमी दूरी पर स्थित है।
इस मंदिर की एक दूसरी विशेषता यह है कि यहां कोई भी पुजारी नहीं है। यहाँ श्रद्धालु अपनी पूजा स्वयं करते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि आसपास के लोग और मांड्या तालुक के लगभग सभी गांव वाले रोजाना इस मंदिर में पत्थर चढाने आते हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि लोगों की मुराद पूरी होने के बाद वे अपने खेतों या अपनी जमीन से पत्थर लाकर भगवान को चढ़ाते हैं।