कश्मीर पर भारत विरोधी दुष्प्रचार के नए केंद्र के रूप में तुर्की का नाम उभर कर सामने आया है। बडी संख्या में कश्मीरी युवक स्टूडेंट वीजा पर तुर्की गए हैं। यहां इनको इंटरनेट मीडिया पर भारत विरोधी दुष्प्रचार की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके सुबूत मिलने के बाद केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। ऐसे कई छात्रों की पहचान की जा चुकी है और सुरक्षा एजेंसियां उनका पासपोर्ट रद करने के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखने की तैयारी में हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों इराक, सीरिया व अन्य देशों में हिंसा के वीडियो और फोटो को कश्मीर में सुरक्षा बलों की ज्यादती के रूप में इंटरनेट मीडिया पर जारी किया गया था। जब उनकी जांच की गई तो पता चला कि ये सभी तुर्की में फर्जी इंटरनेट मीडिया अकाउंट से अपलोड किए गए थे। बाद में इन अकाउंट के पीछे वहां पढ़ने वाले कुछ कश्मीरी युवाओं के होने के सुबूत मिले। अभी तक ऐसे आधा दर्जन युवाओं की पहचान की जा चुकी है और उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सबसे पहले भारत विरोधी दुष्प्रचार चलाने वाले युवाओं का पासपोर्ट निरस्त कराया जाएगा और इसके लिए जल्द ही वे विदेश मंत्रालय को पत्र लिखने वाले हैं। पासपोर्ट निरस्त होने के बाद भारत आने की स्थिति में उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
दरअसल आतंकी फंडिग को लेकर एफएटीएफ की कड़ी निगरानी और भारतीय एजेंसियों की पैनीनजर के कारण पाकिस्तान के लिए भारत विरोधी दुष्प्रचार चलाना मुश्किल साबित हो रहा था।
सुरक्षा एजेंसियों की कड़ाई के कारण पाकिस्तान जाने वाले कश्मीरी युवाओं की संख्या भी नगण्य हो गई है। पाकिस्तान में केवल वही कश्मीरी युवा जा रहे हैं, जिनका एडमिशन पहले हो चुका है। पाकिस्तान में बढ़ती मुश्किलों के बाद आइएसआइ ने कश्मीरी युवाओं को भारत विरोधी गतिविधियों में धकेलने के लिए नए केंद्र के रूप में तुर्की को तैयार करने का फैसला किया। कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का खुलकर साथ देने वाले तुर्की ने भी कश्मीरी छात्रों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टूडेंट वीजा पर तुर्की जाने वाले युवाओं की सूची तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे युवाओं की संख्या अच्छी खासी हो गई है, जो लगातार बढ़ रही है। अभी यह भी साफ नहीं है कि पढ़ाई के लिए तुर्की जाने वाले कश्मीरी युवाओं का खर्च उनका परिवार उठाता है या फिर उनकी फंडिग कहीं बाहर से होती है। इसके साथ ही यह पता लगाया जा रहा है कि भारत विरोधी दुष्प्रचार चलाने के लिए कश्मीरी युवाओं को ट्रेनिंग कौन लोग दे रहे हैं?