भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक पर नियामक अनुपालन में कमियों के लिए एक करोड़ का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
रिजर्व बैंक ने स्टेट बैंक द्वारा मेनटेन किए जाने वाले एक ग्राहक खाते की पड़ताल की तो पता चला कि स्टेट बैंक ने निर्देशों के अनुपालन में देरी की। इसके बाद रिजर्व बैंक ने ग्राहक खाते के साथ ही उससे संबंधित कॉरेस्पॉन्डेंस और अन्य तथ्यों बातों की भी पड़ताल की। इसमें पता चला कि खाते में धोखाधड़ी की सूचना रिजर्व बैंक को देर से दी गई। इस मामले में बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया कि निर्देशों का पालन नीरं करने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए? इसके अलावा प्राइवेट बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर भी 1.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर निर्धारित समय अवधि के भीतर साइबर सुरक्षा घटना की रिपोर्ट करने में विफल रहने और अन्य कारणों से अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन में शामिल राशि को क्रेडिट करने में विफल होने पर जुर्माना लगाया गया है।