शादी-विवाह से पहले आमतौर पर वर-वधू की कुंडली का मिलाने की परंपरा रही है। मगर अब कई लोग थैलेसीमिया, एचआइवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी की जांच भी करा रहे हैं। बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक व्यक्ति तो इससे भी आगे निकल गया। उसने अपनी बेटी की शादी के पहले अपने भावी दामाद के वीर्य की जांच रिपोर्ट मांग ली है। उसने इसके पीछे तर्क दिया कि रिपोर्ट यह जानने के लिए मांगी गई है कि भावी दामाद संतान पैदा करने में सक्षम है या नहीं। कोलकाता के पार्क स्ट्रीट निवासी गायनेकोलाजिस्ट डा.इंद्रनील साहा ने इस बारे में फेसबुक पर एक पोस्ट साझा किया है।
उनके मुताबिक पिछले दिनों एक युवक उनके पास शुक्राणुओं की संख्या की जांच कराने आया था। उसने कहा कि उसके भावी ससुर की यह मांग है। यह सुनकर वह हैरत में पड़ गए। हालांकि, डा. साहा ने युवक को जांच रिपोर्ट दे दी, मगर उसका नाम गुप्त रखा। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि हो सकता है कि इसके बाद भावी ससुर जानना चाहेंगे कि भावी दामाद संभोग करने में सक्षम है या नहीं! उन्होंने लिखा है कि इसके बाद वर पक्ष कहीं भावी वधू की फैलोपियन ट्यूब की जांच रिपोर्ट की मांग न कर बैठे, जिससे यह पता चल सके कि वह मां बन सकती है या नहीं। डा. साहा ने आखिर में लिखा है कि एक सफल वैवाहिक जीवन की असली कुंजी प्यार व विश्वास है। इसे जानने के लिए कोई परीक्षण नहीं है।
पुरुष संगठन ने की घटना की निंदा
इस घटना के सामने आने के बाद आल बंगाल मेंस फोरम ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि 19 नवंबर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस है। इससे पहले कोलकाता में हुई इस अमानवीय घटना से दुनिया को अवगत कराया जाएगा। शादी से पहले यह जांचने की भी मांग की जाएगी कि क्या लड़कियां मां बनने में सक्षम हैं या नहीं। दूसरी ओर कुछ लड़कियों ने वीर्य की जांच रिपोर्ट की मांग को जायज ठहराया है।