डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां अब पिरामिड योजनाएं नहीं चला सकेंगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने ऐसी कंपनियों के लिए नए नियम अधिसूचित करते हुए उन्हें नकद प्रसार योजनाओं को भी बढ़ावा देने से रोक दिया। एमवे, टप्परवेयर व ओरिफ्लेम जैसी कंपनियों को अब 90 दिनों के भीतर नए नियमों का अनुपालन करना होगा। डायेरक्ट सेलिंग कंपनियों को अपने विक्रेताओं द्वारा बेचे गए उत्पादों एवं सेवाओं को लेकर आने वाली शिकायतों के लिए भी जवाबदेह बनाया जाएगा।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण (सीधी बिक्री) नियम, 2021 की अधिसूचना जारी की। इस नियम के दायरे में ई-कामर्स प्लेटफार्म पर सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाले विक्रेता भी आएंगे। नए नियमों के तहत डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाल दी गई है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के लिए पहली बार नियम-कानूनों को उपभोक्ता संरक्षण्ा मंत्रालय के तहत अधिसूचित किया गया है। अगर उन्होंने कानून का उल्लंघन किया, तो कानून के तहत उन्हें दंड दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पिरामिड योजनाएं चला रहीं कंपनियां लोगों को खुद से जोड़ने के लिए तरह-तरह के सपने दिखाती हैं। संभावित ग्राहकों को कागजों पर बताया जाता है कि अगर उन्होंने चार या पांच लोगों को अपने साथ जोड़ा, उन पांच लोगों ने अपने साथ 25 लोगों को श्ाामिल किया तो चेन लंबी होती जाएगी। यह चेन जितनी लंबी होगी, ऊपर पहुंच रहे ग्राहकों की कमाई भी उसी तरह बढ़ती रहेगी।