जैसे-जैसे समय बीत रहा है वैसे-वैसे एलएसी पर चीन की पोल खुलने लगी है। सोशल मीडिया पर प्रोपेगण्डा चलाने वाली पीएलए के चीफ और राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद भारतीय सैनिकों से खौफ खाते हैं। शी जिनपिंग को मालूम है कि भारतीय सैनिकों से परंपरागत युद्ध जीतना मुश्किल है। इसलिए शी जिनपिंग ने भारत के सैनिकों की हत्या के लिए भाड़े के टट्टुओं की भर्ती की है। भाड़े के टट्टुओं के लिए शी जिनपिंग ने मिलिशिया डिवीजन 5 खड़ी की हैं। भाड़े के टट्टुओं को भारत से लगती एलएसी पर पीएलए (चीन की नियमित आर्मी) के आगे तैनात किया गया है। ऐसी भी जानकारी मिली है कि 15-16 जून की मध्यरात्रि में ही इसी मिलिशिया डिवीजन के भाड़े के टट्टुओं ने भारतीय सेना के निहत्थे सैनिकों पर गैर परंपरागत हथियारों से हमला किया था।
ध्यान रहे, भाड़े के इन टट्टुओं को पीएलए इस्तेमाल तो करती है लेकिन इन्हें पीएलए के रेग्युलर सैनिकों की तरह न तो सेलरी मिलती है और न फौजियों की तरह सुविधाएं ही मिलती हैं। मिलिशिया डिवीजन में पीएलए चीफ उन्हीं लोगों को भर्ती की अनुमति देते हैं जो भाले, लाठी, तलवार, नुकीले हथियारों को चलाने के अलावा मार्शल आर्ट म और जो हाथों से अपने सामने वाले की हत्या करने में माहिर होते हैं। निहत्थे भारतीय सैनिकों ने इन्हीं कुख्यात मिलिशिया (भाड़े के टट्टुओं) हत्यारों की भी गर्दन-गर्दन तोड़-तोड़ कर मार डाला था। यह भी जानकारी मिली है कि ऐसे नृशंस हत्यारे मिलिशियाओं की पांच डिवीजन एलएसी पर तैनात करने के आदेश भी खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ही दिए थे।
चीनी सरकार के मुख पृष्ठ पीपुल्स डेली की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि ये मिलीशिया (भाड़े के टट्टू) चीन की रेग्युलर सेना (पीएलए) को नुकीली चीज या लाठी, डंडों से लड़ने की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। छद्म युद्ध में माहिर चीन इन भाड़े के टट्टुओं को आगे कर भारत से जंग करने की फिराक में है।