रायपुर। जाति मामले में ऋचा जोगी की परेशानी बढ़ती ही दिख रही है। शनिवार रात हुए आदेश के बाद फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र मामले ऋचा जोगी को बेहद बड़ा झटका लगा है. जारी आदेश में उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने ऋचा जोगी को गोंड आदिवासी नहीं माना है 19 पेज के इस आदेश में कमेटी ने ऋचा जोगी के 2020 में बने गोंड जाति के प्रमाण पत्र को निरस्त करने का आदेश दिया है. साथ ही इस मामले मुंगेली कलेक्टर को कार्रवाई का निर्देश है.
ऋचा जोगी की जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा स्व. अजीत जोगी के निधन के बाद रिक्त हुई मरवाही विधानसभा उपचुनाव के समय से ही समाने आया था। तब निर्वाचन अधिकारी ने ऋचा जोगी की जाति को गोंड नहीं मानते हुए उनके नामांकन को निरस्त कर दिया था. बाद में यह मामला उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के पास चला गया था. छह सदस्यीय इस कमेटी में चार IAS शम्मी आबिदी, कमलप्रीत सिंह, डीडी सिंह, भुवनेश यादव और उषा लकड़ा और एस चौहान है. जांच कमेटी अलग-अलग पहलुओं पर जांच करते हुए ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की अनुशंसा की है, साथ ही ये भी कहा है कि मुंगेली कलेक्टर इस मामले में कार्रवाई करें. बता दे आदेश में ऋचा जोगी की जाति के संदर्भ में अलग अलग स्तर और जांच और साक्ष्यों पर जानकारी जुटाई गई है.आदेश में कमेटी ने ऋचा जोगी के पिता प्रवीण राज साधु के सर्विस बुक का उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने अपनी जाति क्रिशश्चन लिखा है.उसी तरह जमीन की खरीद बिक्री दस्तावेज में प्रवीण राज साधु ने खुद को गैर आदिवासी बताया है. अब देखना यह है कि आदेश के बाद क्या कार्रवाह की जाती है।