रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा राज्यों पर कंट्रोल करना चाहती है। एक तो वे राजभवन का दुरुपयोग कर रहे हैं। दूसरी तरफ आईएएस अधिकारियों को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को कहा, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी वैसे भी डेप्युटेशन पर तो जाते ही हैं। कोई जाना चाहता है तो रोकते भी नहीं। भारत सरकार मांगती है उसको भी मना नहीं करते। लेकिन इसके लिए राज्य की सहमति होती है। अपनी आवश्यकता के अनुसार कुछ दिन रोक भी लेते हैं। भेज भी देते हैं। इस प्रकार से वार्तालाप चलता रहता है और काम रुकता नहीं है। लेकिन अब इस तरह करेंगे कि कोई अधिकारी राज्य में अच्छा काम कर रहे हैं और उसे अचानक केंद्र में ले जाया जाए तो राज्य का नुकसान होगा। इस बदलाव के माध्यम से भय बनाए रखेंगे तो यह संघीय व्यवस्था के लिए उचित नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया, इसके विरोध में उन्होंने पत्र लिखा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और दूसरे राज्य भी ऐसा पत्र लिखकर विरोध कर रहे हैं।
केंद्र की इस नीति पर बात कर रहे थे मुख्यमंत्री
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 20 और 27 दिसम्बर व बाद में 6 जनवरी को राज्य सरकारों को पत्र भेजे। इसमें कहा गया कि राज्य केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में अधिकारियों को प्रायोजित नहीं कर रहे हैं। इससे केंद्र को जितने अधिकारियों की जरूरत है वह पूरी नही हो रही है। डीओपीटी ने इसके लिए कुछ संशोधन सुझाए और राज्य सरकारों ने जवाब मांगा। राज्यों को जवाब देने के लिए 25 जनवरी तक का समय दिया गया है। बताया जा रहा है, अगर तब तक भी राज्य सरकारों ने जवाब नहीं दिया तो केंद्र सरकार इसे सहमति मानकर नियमों को राजपत्र में प्रकाशित कर लागू कर देगी।
इन प्रस्तावित बदलावों का विरोध कर रहे हैं सीएम
अखिल भारतीय सेवा के नियम में चार संशोधन प्रस्तावित हैं। पहला यह कि यदि राज्य सरकार किसी राज्य कैडर के अधिकारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने में देर करती है और तय समय के भीतर केंद्र सरकार का आदेश नहीं मानती तो केंद्र सरकार संबंधित अधिकारी को खुद ही कैडर से पदमुक्त कर देगी। अभी प्रतिनियुक्ति के लिए राज्य सरकार की एनओसी यानी सहमति जरूरी है। दूसरा बदलाव कहता है, केंद्र सरकार राज्य के परामर्श से केंद्र सरकार मे प्रतिनियुक्त किए जाने वाले अधिकारियों की वास्तविक संख्या तय करेगा। राज्य इसे उपलब्ध कराएगा। मौजूदा मानदंडों के अनुसार, राज्यों को केंद्र सरकार के कार्यालयों में अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करनी होती है। किसी भी समय यह प्रतिनियुक्त किए गए अफसरों की कुल संख्या कैडर के 40फीसदी से अधिक नहीं हो सकता।