
रायपुर, 13 अक्टूबर 2025 — छत्तीसगढ़ में अब हरित विकास और लघु वनोपजों से आत्मनिर्भरता की दिशा में नई राह तैयार हो रही है। मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर–डीएफओ संयुक्त कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि अब समय है कि वन उपज का अधिकतम वैल्यू एडिशन कर ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वन आवरण अब 46 प्रतिशत हो चुका है, जो दो प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि कैम्पा योजना और एक पेड़ मां के नाम जैसी अभिनव पहल के कारण संभव हुई है।
🔸 वन धन केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में वन धन केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीणों को रोजगार और आय के अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को भुगतान 7 से 15 दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जाए और पारदर्शिता के लिए भुगतान की जानकारी एसएमएस के माध्यम से सीधे मोबाइल पर भेजी जाए।
बैठक में बताया गया कि 15.60 लाख से अधिक संग्राहकों का डेटा अब ऑनलाइन दर्ज है और सभी भुगतान बैंक खातों के माध्यम से किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने तेंदूपत्ता संग्रहण की पूरी प्रक्रिया के पूर्ण कंप्यूटरीकरण की दिशा में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
🔸 लघु वनोपज आधारित स्टार्टअप्स को मिलेगा प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु वनोपजों को वनांचल क्षेत्रों में आजीविका के प्रमुख साधन के रूप में विकसित किया जाए।
बैठक में लघु वनोपज आधारित स्टार्टअप्स और वन धन केंद्रों को सशक्त बनाने पर चर्चा की गई, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल सके।
साथ ही छत्तीसगढ़ हर्बल और संजीवनी ब्रांड के उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर विशेष बल दिया गया। मुख्यमंत्री ने इन उत्पादों के लिए मजबूत मार्केट नेटवर्क विकसित करने और ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
🔸 औषधीय पौधों की खेती के लिए नई योजना
बैठक में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए।
धमतरी, मुंगेली और जीपीएम जिलों में इस दिशा में विस्तार की संभावनाओं पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि औषधीय पौधों की खेती न केवल आजीविका बढ़ाने में सहायक होगी बल्कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को भी पुनर्जीवित करेगी।
🔸 वन मंत्री का वक्तव्य
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि यह पहली बार है जब वन अधिकारियों और कलेक्टरों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई है।
उन्होंने कहा कि यदि सभी अधिकारी समन्वय से काम करें तो परिणाम और बेहतर होंगे। कश्यप ने बताया कि राज्य सरकार अब 75 प्रकार की लघु वनोपजों की खरीदी करने जा रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि लाख उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर है और ठोस कार्ययोजना के साथ यह देश में पहला स्थान प्राप्त कर सकता है।
🔸 ईको-टूरिज्म से बढ़ेगा ग्रामीण रोजगार
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ईको-टूरिज्म को आजीविका से जोड़ने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी, विशेषकर बस्तर और सरगुजा संभागों में।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इस दिशा में स्थानीय समुदायों को शामिल कर दीर्घकालिक मॉडल तैयार करें, जिससे पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास साथ-साथ बढ़ें।