सूरजपुर। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर तहसील अंतर्गत ग्राम करजंवार के एक मजबूर वृद्ध ने दबंग के आतंक के सामने प्रशासन से कोई सहयोग न मिलने के कारण कलेक्टर से सपरिवार आत्मदाह की अनुमति मांगी है। पत्र के अनुसार ग्राम करजंवार के आनंद राम स्वत्य एवं आधिपत्य की भूमि ग्राम करजंवार, तहसील प्रतापपुर, जिला- सूरजपुर में स्थित है। दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर बिना पैसा दिए रजिस्ट्री कराने की शिकायत प्रतापपुर थाने से लेकर कई जगह की थी पर विनोद जायसवाल के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं हुआ। शिकायत में बताया था कि ऊसके स्वामित्व की भूमि खसरा नंबर 108/1 रकबा 0.29 हे. भूमि ग्राम खोरमा तहसील प्रतापपुर जिला सूरजपुर में है, जिसमें से आवेदक ने रकबा 0.16 हे. भूमि का विक्रय किये जाने हेतु तहसीलदार प्रतापपुर प्रतिहस्तांक्षरित कराया गया था तथा उक्त दस्तावेज में स्पष्ट रूप से भूमि विक्रय हेतु प्लाट नम्बर 108/1 से 0.16 हे. रकबा विक्रय हेतु अंकित है पर प्रतिहस्ताक्षर के दस्तावेज के विवरण में अनावेदक के द्वारा 0.16 हे. को काट छांट कर 0.25 हे. में परिवर्तित कर दिया गया था। आवेदक को धोखे में रखकर दिनांक 16.12.2021 को आवेदक से ज्यादा भूमि की रजिस्ट्री करा लिया है, जिसमें लघु हस्ताक्षर भी नहीं थे। पीडि़त ने आरोप लगाया था की वह अशिक्षित एवं वृद्ध व्यक्ति है जिसका लाभ उठाकर उसे शराब पिलाकर छलकपट करते हुए रजिस्ट्री के दस्तावेज में कूटरचना कर धोखे से अवैध रजिस्ट्री कराई गई थी। पीडि़त के पुत्र बृजलाल ने दिनांक 14 जनवरी 2022 को विक्रय पत्र की नकल निकालने पर कूटरचना छल करने की जानकारी मिली थी. जिसकी शिकायत थाने में की थी। लेकिन उलटे उन्हें जान से मारने की धमकी देकर दबाव बनाकर शिकायत के खिलाफ नोटरी कराकर समझौता के लिए थाने में शपथ पत्र पेश करवाया था। पुलिस वाले से कोई सहयोग न मिलने से न्याय के लिए भटक रहा असहाय वृद्ध के सामने सहायता के सभी दरवाजे बंद हो जाने के बाद अब उसने कलेक्टर सूरजपुर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर मामला दर्ज एवं नामान्तर पर रोक लगाने की मांग की है। कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में सपरिवार संयुक्त कार्यालय सूरजपुर में आत्मदाह करने की अनुमती की मांग की है।
तहसीलदार पर मिली भगत का आरोप
वृद्ध असहाय लोगों ने तहसीलदार पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए बताया कि तहसीलदार के द्वारा हम लोगों को पैसे की डिमांड की जाती है। हम लोग पैसा देने में असमर्थ हैं हम लोगों के द्वारा तहसीलदार को निमंत्रण पर रोक लगाने की आवेदन दिया गया है। उसके बाद भी तहसीलदार हम लोगों की कोई सुनवाई नहीं कर रहा है जिससे हम लोग काफी दुखी हैं।
जिले की कानून व्यवस्था का हाल बेहाल
कुछ दिन पूर्व एक महिला ने भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बाद सुनवाई न होने से कलेक्टर के सामने आत्मदाह करने की अनुमति मांगी थी उस घटना को कुछ ही दिन हुए हैं आज पुन: एक वृद्ध असहाय ने पूरे परिवार के साथ कार्रवाई ना होने से आत्मदाह करने की अनुमति की