बालोद। इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों की दशा बदहाल हो चुकी है। इसके पीछे बड़ी वजह बारिश और सड़कों का मरम्मत का ना होना है। ग्रामीण क्षेत्रों में इससे ग्रामीणों को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसमें कई ऐसे प्रमुख मार्ग भी हैं जिनमें रोज सैकड़ों लोगों का आना जाना होता है और इसके बावजूद इस दिशा में शासन प्रशासन व संबंधित विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है और यही वजह है कि लगातार उपेक्षा की वजह से उन सड़कें का अस्तित्व खोता जा रहा है। आज हम कुछ क्षेत्र की ऐसी प्रमुख सड़कों के बारे में बात कर रहे हैं जिनकी मरम्मत बहुत जरूरी है। और मरम्मत के अभाव में आज बारिश होने पर इन जगहों पर गड्ढों में बहुत पानी भरा हुआ है। जिससे रास्ता भी बाधित हो रहा है तो वहीं दुर्घटना की भी आशंका बनी हुई है।
सनौद मार्ग बदहाल
सनौद मार्ग की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है। बारिश में यहां लगभग 1 फीट तक गड्ढों में पानी भर जाता है। जहां यह प्रमुख आवागमन का मार्ग है और वही उपेक्षा के चलते इसकी कोई मरम्मत ही नहीं हो रही है। ऐसे में ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीण लगातार यह मांग करते आ रहे हैं कि सड़क को नया बनाया जाए पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
दरगहन मार्ग में गड्ढे ही गड्ढे
इस तरह दूसरी बड़ी समस्या गुरुर से दरगहन मार्ग में देखा जा सकता है। जहां पर सड़क इस कदर उखड़ चुकी है कि वहां डामर ही नजर नहीं आता। चारों तरफ गिट्टी और गड्ढे ही नजर आ रहे हैं। जो बारिश में और खतरनाक साबित हो रहे हैं। जगह-जगह सड़क पर पानी भरा हुआ है। यह भी प्रमुख मार्ग है पर कोई भी इस ओर मरम्मत को लेकर आज तक ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते सड़क दिन ब दिन खराब होती जा रही है। सरपंच विजेंद्र कुमार धुर्वे ने बताया कि हम कई बार इस सड़क की मरम्मत को लेकर मांग कर चुके हैं संबंधित विभाग में ज्ञापन भी दे चुके हैं पर कोई इस ओर झांकने को नहीं आता है। पंच गंगा बाई ने बताया कि गुरुर मुख्यालय जाने का प्रमुख मार्ग है अगर इसकी मरम्मत हो जाती तो अच्छा होता। रोज हमें इस उबड़ खाबड़ सड़क पर चलना पड़ता है। पंच आगेश्वरी ने बताया कि बरसात में आवागमन और ज्यादा बाधित होता है क्योंकि गड्ढों में पानी भर जाता है रात को तो आना जाना और मुश्किल हो जाता है।आखिर विभाग ध्यान क्यों नहीं देती समझ नहीं आता। उपसरपंच कल्याण पुरी गोस्वामी ने बताया कि बरसात के पूर्व सड़कों की मरम्मत होनी चाहिए लेकिन यहां तो स्थिति बहुत ही खराब है। बरसात को लगभग 1 माह से ज्यादा बीत चुके हैं पर सड़कें की स्थिति नहीं सुधरी। नतीजे गड्ढों में पानी भरा है और जगह-जगह से डामर ही गायब है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार विकास की बात करते हैं इस गांव का विकास तब होगा जब यहां पक्की सड़क नसीब होगी व उबड़ खाबड़ रास्तों से राहत मिल गए। गुरुर मुख्यालय से कुछ दूर बसे इस गांव में सड़क को लेकर काफी समस्या है। ग्रामीण आस लगाए बैठे हैं कि कोई तो उनकी सुने। तो वही इस साल सावन की बारिश सड़कों की पोल खोल रही है। अंदाजा लगा सकते हैं कि इन गांव में जब सड़क की ये हालत है तो गांव की स्थिति क्या होगी। शासन को इस दिशा में पूरा ध्यान देना चाहिए।