लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दुर्ग जिला काफी महत्वपूर्ण है ,वजह ये है कि इस जिले से ही कांग्रेस और भाजपा के छह नेता प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा से प्रत्याशी बनाए गए हैं। दिलचस्प ये है कि इनमें से चार नेता दूसरे जिलों की लोकसभा सीटों पर मुकाबला करते दिख रहे हैं। यह पहली बार होगा जब एक जिले से इतनी संख्या में प्रत्याशी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशी बनाए गए हैं। दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस ने राजेंद्र साहू को प्रत्याशी बनाया है, वे पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, दुर्ग के ही रहने वाले हैं। उनके मुकाबले भाजपा से विजय बार हैं, जो दूसरी बा सीट से प्रत्याशी बने हैं। दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले दुर्ग जिले के प्रमुख नेताओं में से एक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव जिले की राजनांदगांव सीट से प्रत्याशी हैं। दुर्ग जिले की ग्रामीण विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू इस बार महासमुंद लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। दुर्ग जिले की भिलाई विधानसभा से विधायक देवेंद्र यादव को कांग्रेस ने बिलासपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। दुर्ग जिले की निवासी और यहां से सांसद रह चुकी भाजपा नेत्री सरोज पांडेय को पार्टी ने कोरबा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। इस तरह अकेले दुर्ग जिले से ही कांग्रेस-भाजपा के टिकट पर छह प्रत्याशी लोकसभा के मैदान में हैं।
दुर्ग संभाग ऐसा संभाग है जो पूरे प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के लिए अलग ही वर्चस्व रखता है और वीआईपी संभाग माना जाता है। दरअसल दुर्ग संभाग प्रदेश का एक ऐसा संभाग है जहां से पूर्ववर्ती सरकार में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,गृह मंत्री ताम्रकार साहू, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे,पीएचई मंत्री रूद्र गुरु,महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया सब एक ही संभाग से थे। इस बार बात करें लोकसभा चुनाव की तो छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों में चार सीट कांग्रेस अपना प्रत्याशी दुर्ग संभाग से उतारी है। वही एक ही संभाग से अलग अलग लोकसभा में प्रत्याशी उतारे जाने को लेकर प्रदेश में सियासी बयान बाजी भी शुरू हो गई है।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दुर्ग से ही प्रत्याशी अलग-अलग लोकसभा में लड़ाई जाने को लेकर कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार थी तो भी सारे मंत्री अधिकतर दुर्ग से थे तो लोग कहते थे दुर्ग की सरकार है, परंतु यह है कि सभी जगह के नेताओं को अवसर मिलना चाहिए जिससे कांग्रेस के परंपरा के आधार पर सिर्फ गांधी परिवार का हुआ मुखिया हो सकता है। ऐसे ही यहां भी परिपाटी शुरू हो रही मुझे ऐसा लगता है।वही भूपेश बघेल अपने लोगों को चुनाव लड़वाकर वर्चसव स्थापित करने के सवाल पर कहा कि राजनीतिक पार्टियों बड़ी होती है कोई भी व्यक्ति यह सोचेगा कि इतने लोगों को साध कर चलूंगा और अपना बना लूंगा । अपना समर्थ बना लूंगा तो मैं सोचता हूं या निराधार है ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीतिक पार्टियों बहुत बड़ी बात होती है।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए लोकसभा प्रत्याशी पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने गिरे बान में झांके इनके प्रत्याशी सरोज पांडेय कहा के है क्या अमेरिका से है क्या। लोकसभा चुनाव के लिए ऐसा कोई बड़ा काम इन्होंने किया नहीं जो जनता को बता पाए अब तक झूठ फरेब की मदद से ही चुनाव जीतते आए हैं ये मिल का पत्थर साबित करके कुछ दिखा नहीं पाए और जनता के बीच में जा नहीं पा रहे हैं। सिर्फ बयान बाजी गलत जानकारी देना इनका मकसद झूठ बोलकर फरेब करके धोखा देकर जनता का वोट हथियाना चाहती है जिसमें वह कामयाब नहीं होंगे।