बरसात में बागवानी करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं। इस मौसम में बगीचे में बाहर आ जाती है। चारो तरफ हरियाली और उसमे खिले फूल हर किसी को सकारात्मक ऊर्जा दे जाते हैं. वैसे तो बारिश के पानी को पौधो के विकास के लिए अमृत माना गया है. जानिए सही रखरखाव और बारिश में बागवानी से जुड़ी जानकारी।
गमले में पानी की अधिकता नही होनी चाहिए, क्योंकि ज्यादा दिन तक पानी का रुकाव गमले में रहने से पौध की जड़ गल जाती है।
बारिश के मौसम में पौधों को उनकी जरूरत के मुताबिक ही पानी देना चाहिए।
बरसात के समय खराब या टूटे फूटे गमलों को बदल दें. साथ ही इस दौरान आप गमलों की पुरानी मिट्टी को भी बदल सकते हैं।
साथ ही इस बात का ख्याल रखें कि अपनी बगिया या पौधों के आस-पास जरूरत से ज्यादा पानी का जमाव भी ना होने दें, इससे पौधे खराब हो सकते हैं।
बरसात के मौसम में पौधों को कीड़े काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इसके लिए आप प्राकृतिक कीटनाशकों जैसे नीम के तेल आदि का इस्तेसमाल कर सकते हैं. इससे पौधों को किसी तरह का नुकसान भी नहीं पहुंचता और ये सुरक्षित रहते हैं।
पौधों को अच्छी खाद दें. पौधे की अच्छी बढ़वार के लिए रासायनिक खाद की जगह कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल करना चाहिए।
बरसात में पौधों की अच्छी तरह देखभाल करें. इनके खराब पत्तों आदि को काटकर अलग कर दें यानि कि पौधों की जरुरत के हिसाब से थोड़ी कांट -छांट करते रहें. इससे पौधे की अच्छी बढ़वार होगी।
पौधों को धूप मिले ऐसे जगह में रखे.अधिक पानी से पौधों में नमी आती है इसका खयाल रखें.मिट्टी चिकनी ना हो इसके लिए उसने खाद और कुछ प्रतिशत रेत मिला सकते हैं।