फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने कहा कि वह अपने 11,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी। नौकरी से निकाले जाने वाले कर्मचारियों की संख्या कुल कार्यबल का 13 प्रतिशत है। 18 साल के इतिहास में कंपनी पहली बार इतने बड़े स्तर पर छंटनी कर रही है। हाल ही में एलन मस्क के स्वामित्व वाली टि्वटर और माइक्रोसाफ्ट समेत कई दिग्गज कंपनियों में भी हजारों कर्मचारियों को निकाला है।
कंपनी के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग कर्मचारियों से मुखातिब हुए। इस दौरान वह काफी निराश दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि वह कंपनी के गलत कदमों के लिए जिम्मेदार हैं और इसके लिए माफी मांगते हैं। द वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में मौजूद लोगों के अनुसार अति आशावाद के चलते जरूरत से ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की गई। कहा जा रहा है कि जिन कर्मचारियों की छंटनी की जानी है, उन्हें सेवरेंस पैकेज के एक हिस्से के तौर पर सर्विस के हर वर्ष के लिए 16 सप्ताह की बेसिक सैलरी और दो अतिरिक्त सप्ताह का भुगतान किया जाएगा। कंपनी अगले 6 महीने तक कर्मचारियों और उनके परिवार की हेल्थ इंश्योरेंस को कवर करने की बात भी कही है।
छंटनी से प्रभावित एच 1बी वीजाधारकों को आव्रजन सहायता देगी मेटा
मेटा में बड़े पैमाने पर छंटनी के बीच एच-1बी जैसे कार्य वीजा वाले कर्मचारियों को अपनी आव्रजन स्थिति को लेकर अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कंपनी इन कर्मचारियों को आव्रजन सहायता देगी। सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा, “मुझे पता है कि यदि आप यहां वीजा पर हैं, तो मौजूदा समय आपके लिए कठिन है। आपको और आपके परिवार को जो मदद चाहिए, उस बारे में आपका मार्गदर्शन करने के लिए हमारे पास आव्रजन विशेषज्ञ हैं।” अमेरिका स्थित प्रौद्योगिकी कंपनियां बड़ी मात्रा में एच-1बी कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं, जिनमें से ज्यादातर भारत जैसे देशों से आते हैं।
एच-1बी वीजा गैर-अप्रवासी वीजा है, जिसमें अमेरिकी कंपनियों को खास विशेषज्ञता वाले पेशेवरों को भर्ती करने की अनुमति मिलती है। एच-1बी वीजाधारक तीन साल तक अमेरिका में रह सकते हैं और काम कर सकते हैं, जिसे आगे तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। यदि एच-1बी वीजाधारक अपनी नौकरी खो देते हैं, तो उनके पास अपने एच-1बी वीजा को प्रायोजित करने की इच्छुक कंपनी को खोजने के लिए केवल 60 दिनों का वक्त होता है। इस अवधि के दौरान नियोक्ता नहीं खोज पाने पर उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ता है। फेसबुक एच-1बी “निर्भर” कंपनी है, जिसका अर्थ है कि इसके 15 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी एच-1बी वीजा पर हैं।
मस्क ने टेस्ला के चार अरब डालर के शेयर बेचे
टि्वटर का 44 अरब डालर में अधिग्रहण करने के बाद एलन मस्क ने अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के 1.95 करोड़ शेयर बेच दिए हैं। इनकी कीमत 3.95 अरब डालर है। भारतीय मुद्रा में बात करें तो यह कीमत 32.5 हजार करोड़ से भी ज्यादा है। इससे पहले टि्वटर को खरीदने के लिए फंड जुटाने के तहत मस्क ने अगस्त में टेस्ला के सात अरब डालर मूल्य के शेयर बेचे थे। कुल मिलाकर मस्क ने अप्रैल से अब तक 19 अरब डालर से अधिक के टेस्ला के शेयर बेचे हैं। दरअसल, टेस्ला में हिस्सेदारी को लेकर मस्क की संपत्ति का आकलन किया जाता है। फोर्ब्स के अनुसार उनकी व्यक्तिगत संपत्ति 200 अरब डालर कम हो गई है। हालांकि अभी भी वह दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।