गरियाबन्द। तेजी से बढ़ते वजन से परेशान और बीमार गरियाबंद के दो बीमार भाइयों का इलाज शुरू हो गया उन्हें प्राथमिक जांच व हिस्ट्री लेकर सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद राजधानी रायपुर रेफर करने की तैयारी है। बीमारी से ग्रसित माधव (32वर्ष) व उसके छोटे खिऱसिंधू (27 वर्ष) को जब बीएमओ अंजू सोनवानी ने बुलवाने एम्बुलेंस घर भेजी तो इस गरीब परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था। मां मालती देवी ने बताया कि करीब ढाई साल पहले खिऱसिंधू जब बीमार पड़ा तब उसे मेकाहारा ले जाया गया था. कुछ परीक्षण के बाद बताया गया कि इलाज में 3 से साढ़े 3 लाख रुपये लगेंगे। दरअसल सरकारी इलाज के लिए इनके पास आधार व राशन कार्ड नहीं थे। आयुष्मान कार्ड में न्यूरो से सम्बंधित बीमारी का इलाज का तब उल्लेख नहीं था। पैसे के अभाव में पीडि़त को लेकर बैरंग लौटे थे, कुछ महीने बाद बड़ा भाई माधव भी इसी बीमारी से ग्रसित हो गया। छोटे के इलाज की कोशिश के दरम्यान कड़वा अनुभव परिवार के पास था, इसलिए बड़े भाई के उपचार की कोशिश नहीं की। इसलिए बेबस मां बेटों के दर्द छुपाने शराब देकर मन को तसल्ली कर लेती थी। देबकी की तरह ही इन दो पीडि़तों की जानकारी जिला उपाध्यक्ष संजय नेताम ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को दी। संजय नेताम ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव इन जवान बेटों की दर्द भरी दास्तां सुनकर भावुक हुए और शासकीय अस्पताल में पूरे इलाज का आश्वासन दिया।
परिवार के लिए मदद लेकर पहुंचे कांग्रेसी नेता
मामला प्रकाश में आने के बाद इस पीडि़त परिवार के लिए मदद के हाथ उठने लगे हैं। जनपद उपाध्यक्ष सुखचन्द बेसरा सहयोगी महेश्वर बघेल, नन्दकिशोर बघेल, निराकार डोंगरे के साथ माधव के घर पहुंचे। उन्हें राशन सामग्री देकर उन्हें हर सम्भव मदद देने का भरोसा दिलाया है।