गाजियाबाद । देश महीनों से कोरोनावायरस से जूझ रहा है। कई चरणों में लॉकडाउन का सामना करने के बाद अब अक्टूबर के महीने में देश अनलॉक की पांचवीं प्रक्रिया है। कोविड-19 के बीच सबसे ज्यादा बोझ पड़ा है हेल्थ सेक्टर और हेल्थ वर्कर्स पर। लेकिन इसके बाद पुलिस प्रशासन भी फ्रंटलाइन पर रहा है। कोविड-19 के संकट के वक्त दोनों ही सेक्टरों से बहुत से डॉक्टरों और अधिकारियों ने या तो छुट्टी ली थी या फिर इस्तीफा दे दिया था लेकिन गाजियाबाद की एसडीएम ने इस संकट की घड़ी में एक नया उदाहरण पेश किया है।
आईएएस सौम्या पांडे गाजियाबाद के मोदीनगर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। उन्होंने इस कोरोना के दौर में एक प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया है। हालांकि, डिलीवरी के बाद उनका मैटरनिटी लीव पर पूरा हक है लेकिन उन्होंने महज एक महीने की मैटरनिटी लीव ली है इसके बाद वापस काम पर लौट आई हैं। महामारी के इस भयानक दौर में जहां कई अधिकारियों ने अपने-आपको जनता से दूर कर लिया है, वहीं सौम्या बिटिया को जन्म देने के बाद एक महीने से भी कम समय में दोबारा से अपनी जिम्मेदारी समझते हुए वापस आॅफिस आने लगीं। एक मां और प्रशासनिक अधिकारी की जिम्मेदारियों का ऐसा खूबसूरत तालमेल बिठाने के लिए उनकी काफी प्रशंसा की जा रही है। देश में कोरोनावायरस को लेकर अनलॉक की प्रक्रिया चालू है और लगभग हर सेक्टर वापस पटरी पर लौट रहा है, लेकिन इस वक्त संक्रमण के केस भी अपने पीक पर चल रहे हैं। ऐसे में हेल्थ सेक्टर और प्रशासन पर बोझ कम नहीं हुआ है।