रायपुर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना का विरोध अब बस्तर में भी जोरों से हो रहा है। मंगलवार को कांग्रेसियों ने बस्तर संभाग के सातों जिलों में यूपी की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विशाल रैली निकाली और प्रदर्शन किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी की। जगदलपुर में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता लामबंध हुए। रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट जाने के दौरान पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की झूमाझटकी भी हुई। कांग्रेसियों ने कहा कि, यूपी की भाजपा सरकार बंजर जमीन को सोना बनाने वाले किसानों को कीड़े मकोड़ों की तरह गाड़ियों से रौंद रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा लखीमपुर खीरी में कृषि कानून के विरोध में किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्हें भाजपाइयों ने लग्जरी वाहनों से कुचल कर निर्मम हत्या की है। केंद्र की मोदी सरकार जानबूझकर देश के किसानों पर तीन काले कानून को थोपने पर उतारू है। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के साथ की जा रही बर्बरता पूर्वक रवैया से पूरे देश में आक्रोश व्याप्त है। कांग्रेसियों ने कहा कि प्रियंका गांधी के साथ भी योगी सरकार ने दुर्व्यवहार किया है वह अलोकतांत्रिक व्यवस्था को दशार्ता है। किसानों के परिवारजनों से मिलने जा रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी रोक कर उनके साथ भी बुरा बर्ताव किया गया है जो निंदनीय है। दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में भी कांग्रेसियों ने विशाल रैली निकाली। कांग्रेस भवन से लेकर कलेक्ट्रेट तक निकाली गई इस रैली में दंतेवाड़ा के कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष अवधेश सिंह गौतम, जिला पंचायत अध्यक्ष तूलिका कर्मा, छविंद्र कर्मा सहित दर्जनों कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित थे। जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह गौतम ने कहा कि, लखीमपुर की घटना से यह साबित हो गया कि भाजपा को किसान, मजदूर व गरीब बिल्कुल भी पसंद नहीं। भाजपा किसी भी तरह से अपने लिए होने वाले विरोध को बर्दाश्त नहीं कर पाती है।जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि, लखीमपुर में इतनी बड़ी घटना हो गई, लेकिन अब तक प्रधानमंत्री और भाजपा की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया ना आना दुर्भाग्यपूर्ण है। तीनों कृषि काले कानून के विरोध में किसानों द्वारा निरंतर आंदोलन किया जा रहा है। मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा किसानों को कहते हैं कि, सुधर जाओ वरना सुधार देंगे। भाजपा अंग्रेजों से प्रेरित होकर राजनीति कर रही है। लाशों पर सत्ता के लिए हमेशा राजनीति करती रही है। इस देश की विडंबना है कि, उन्होंने ऐसे हाथों में देश को सौंपा जिसके कारण पूरे देश में अराजकता का माहौल है। कांग्रेस लगातार किसानों के न्याय के लिए सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ती रही है। किसानों का मुद्दा राजनीतिक नहीं बल्कि हक व अधिकार का मुद्दा है। इसे राजनीतिक चश्मे से नही देखना चाहिए। किसानों की हत्या के बाद विपक्ष के नेताओं को पीड़ितों से मिलने नहीं दिया जाना और भी दुर्भाग्य जनक व अलोकतांत्रिक है।