प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद और सेवा करने वाले वाराणसी के एनजीओ से संवाद किया। उन्होंने संवाद शुरू करने से पहले कहा कि हर-हर महादेव!! काशी के पुण्य धरती के आप सब पुण्यात्मा लोगन के प्रणाम हौ। इसके बाद ऐसे लोगों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों से वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के माध्यम बात की जो लोग कोरोना काल में मदद के लिए आगे आए। इस दौरान लोगों ने अपने अनुभवों को साझा किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि ‘इस अभूतपूर्व संकट में और मेरी काशी, हमारी काशी ने, इसका डटकर मुकाबला किया है। आज का यह कार्यक्रम भी इसी की एक कड़ी ही है।’ उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया कि जब जिला प्रशासन के पास भोजन बांटने के लिए उनकी खुद की गाड़ियां कम पड़ गईं तो डाक विभाग ने अपनी खाली पड़ी पोस्टल वैन लगा दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। इसका बहुत बड़ा लाभ बनारस के भी गरीबों को, श्रमिकों को हो रहा है। आप कल्पना कर सकते हैं कि भारत, अमेरिका से भी दोगुनी आबादी से एक पैसा लिए बिना उनका भरण-पोषण कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब तो इस योजना को नवंबर अंत तक, यानी दीपावली और छठ पूजा तक बढ़ा दिया गया है। हमारी कोशिश यही है कि किसी गरीब को त्योहारों के समय में खाने-पीने की कमी ना हो।
उन्होंने कहा कि सावन का महीना चल रहा है, ऐसे में बाबा के चरणों में आने का मन हर किसी का करता है, लेकिन जब बाबा की नगरी के लोगों से रूबरू होने का मौका मिला है तो ऐसा लगता है कि आज मेरे लिए एक दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह भगवान शंकर का आशीर्वाद ही है कि कोरोना के इस संकट में भी हमारी काशी उम्मीद से भरी और उत्साह से भरी है। यह ठीक है कि लोग बाबा विश्वनाथ के धाम नहीं जा पा रहे? यह भी ठीक है कि मानस मंदिर, दुर्गाकुंड और संकटमोचन में सावन का मेला नहीं लग पा रहा है। मगर संकट का समय है। हम डटकर मुकाबला करेंगे और कोरोना को भगा और मिटा कर ही दम लेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी काशी में बाबा विश्वनाथ और माता अन्नपूर्णा दोनों ही विराजते हैं। पुरानी मान्यता है कि एक समय महादेव ने खुद माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। तभी से काशी पर यह विशेष आशीर्वाद है कि यहां कोई भूखा नहीं सोएगा। माता अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ, सबके खाने का इंतजाम कर देंगे। आप सभी के लिए, तमाम संगठनों के लिए और हम सभी के लिए ये बहुत सौभाग्य की बात है कि इस बार गरीबों की सेवा का माध्यम भगवान ने हमें बनाया। एक तरह से आप सभी माता अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ के दूत बनकर हर ज़रूरतमंद तक पहुंचे। इतने कम समय में फूड हेल्पलाइन और कम्यूनिटी किचन का व्यापक नेटवर्क तैयार करना, हेल्पलाइन विकसित करना, डेटा साइंस की मदद लेना, वाराणसी स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का भरपूर इस्तेमाल करना, यानि हर स्तर पर सभी ने गरीबों की मदद के लिए पूरी क्षमता से काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के समय हमने देखा कि आगे बढ़कर एक दूसरे की मदद की है। इसी एकजुटता, इसी सामयिकता ने हमारी काशी को और भव्य बना दिया है। हजारों लोगों ने काशी के गौरव को बढ़ाया है। सैकड़ों संस्थाओं ने खपा दिया है। सबसे मैं बात नहीं कर पाया हूं, लेकिन मैं हर किसी के काम को आज नमन करता हूं। सेवाभाव से जुड़े हुए हर व्यक्ति को प्रणाम करता हूं। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तब आपसे केवल जानकारी नहीं ले रहा हूं, बल्कि आप सबसे प्रेरणा ले रहा हूं। अधिक काम करने के लिए, आप जैसे लोगों ने इस संकट में काम किया, इनके आशीर्वाद ले रहा हूं।
उन्होंने कहा कि जब कोरोना महामारी आई तो सभी भारत को लेकर डरे हुए थे। इसमें भी 23-24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश को लेकर तो शंकाएं और भी ज्यादा थीं, लेकिन आपके सहयोग ने, उत्तर प्रदेश के लोगों के परिश्रम और पराक्रम ने सारी आशंकों को ध्वस्त कर दिया। आज स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश ने न सिर्फ संक्रमण की गति को काबू में किया है बल्कि जिन्हें कोरोना हुआ है, वो भी तेजी से ठीक हो रहे हैं। कबीरदास जी ने कहा है-‘सेवक फल मांगे नहीं, सेब करे दिन रात’ अर्थात सेवा करने वाला सेवा का फल नहीं मांगता, दिन रात निःस्वार्थ भाव से सेवा करता है। दूसरों की निस्वार्थ सेवा के हमारे यही संस्कार हैं, जो इस मुश्किल समय में काम आ रहें हैं।