देश को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी वर्ष 2023 की शुरुआत में मिल सकती है। यह मौजूदा समय में उपलब्ध किसी निजी कंपनी के संचालन वाले इलेक्ट्रानिक वालेट जैसी ही होगी। हालांकि इसके साथ ‘सरकारी गारंटी” जुड़ी होगी। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण्ा ने पिछले सप्ताह वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा था कि जल्द ही केंद्रीय बैंक के समर्थन वाला ‘डिजिटल रुपया” पेश किया जाएगा।
सरकार से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा में भारतीय करेंसी की तरह विशिष्ट अंक होंगे। यह ‘फ्लैट” मुद्रा से भिन्न् नहीं होगी। यह उसका डिजिटल रूप होगा। इसे सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वालेट कहा जा सकता है। डिजिटल मुद्रा के तौर पर जारी इकाइयों को चलन में मौजूद मुद्रा में शामिल किया जाएगा। रिजर्व बैंक द्वारा विकसित डिजिटल रुपया ब्लाकचेन सभी तरह के लेनदेन का पता लगाने में सक्षम होगा। जबकि निजी कंपनियों के मोबाइल वालेट में फिलहाल यह सुविधा नहीं है।
सरकार से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा में भारतीय करेंसी की तरह विशिष्ट अंक होंगे। यह ‘फ्लैट” मुद्रा से भिन्न् नहीं होगी। यह उसका डिजिटल रूप होगा। इसे सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वालेट कहा जा सकता है। डिजिटल मुद्रा के तौर पर जारी इकाइयों को चलन में मौजूद मुद्रा में शामिल किया जाएगा। रिजर्व बैंक द्वारा विकसित डिजिटल रुपया ब्लाकचेन सभी तरह के लेनदेन का पता लगाने में सक्षम होगा। जबकि निजी कंपनियों के मोबाइल वालेट में फिलहाल यह सुविधा नहीं है।
निजी कंपनियों के इलेक्ट्रानिक वालेट का इस्तेमाल करते हुए लोग अभी पैसा निजी कंपनियों को हस्तांतरित करते हैं। यह पैसा उनके पास रहता है और ये कंपनियां किसी लेनदेन पर ग्राहकों की ओर से मर्चेंट यानी दुकानदारों आदि को भुगतान करती हैं। वहीं डिजिटल रुपये के मामले में लोगों के पास डिजिटल मुद्रा फोन में रहेगी और यह केंद्रीय बैंक के पास होगी। केंद्रीय बैंक के पास से इसे किसी दुकानदार आदि को स्थानांतरित किया जाएगा। इस पर पूरी तरह सरकार की गारंटी होगी।