अमेरिकी सरकार द्वारा दिवालिया हो चुके बैंक से पैसे निकालने की अनुमति मिलने के बाद से अब तक भारतीय स्टार्टअप ने सिलिकान वैली बैंक से 300 मिलियन डालर (लगभग 2468 करोड़ रुपये) की निकासी की है। इस घटनाक्रम से जुड़े एक व्यक्ति के मुताबिक धन की निकासी के लिए स्टार्टअप को पहले अमेरिका के ही दूसरे बैंक में नए बिजनेस अकाउंट खोलने होंगे, क्योंकि एसवीबी ने अभी तक प्रत्यक्ष विदेशी हस्तांतरण को अनुमति नहीं दी है।
प्राइम वेंचर पार्टनर्स के मैनेजिंग पार्टनर संजय स्वामी के हवाले से बताया गया है कि एसवीबी के साथ काम करने वाली उनकी सभी पोर्टफोलियो कंपनियां अपने पैसे को दूसरे अमेरिकी बैंकों में स्थानांतरित करने में सक्षम हैं। अमेरिकी में एसवीबी के दिवालिया होने से भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को चिता में डाल दिया है। 1,000 से अधिक भारतीय स्टार्टअप का एसवीबी में एक्सपोजर है। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफार्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार एसवीबी का भारत में कम से कम 21 स्टार्टअप में एक्सपोजर था। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि बैंक ने कितनी रकम का निवेश किया था।
एसवीबी के नए सीईओ की अपील, जमाकर्ता अपने पैसे के साथ वापस लौटें
दिवालिया हो चुके सिलिकान वैली बैंक (एसवीबी) के नए सीईओ टिम मायोपोलोस ने कहा है कि बैंक को बचाने का एकमात्र रास्ता यही है कि जमाकर्ता अपने पैसे के साथ हमारे पास लौटें। चुनिदा निवेशकों के साथ जूम मीटिंग में उन्होंने उनसे नए डिपाजिट करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि मौजूदा और नए दोनों डिपाजिट को फेडरल डिपाजिट इंश्योरेंस कारपोरेशन (एफआइडीसी) की तरफ से सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि एसवीबी ब्रिज बैंक के लिए उपलब्ध विकल्पों में से एक यह है कि यह किसी अन्य वित्तीय संस्थान के साथ मिलकर काम करे या फिर इसे बंद कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि बैंक के भविष्य को लेकर अभी चर्चा चल रही है।
मूडीज ने बैंकिग सेक्टर के आउटलुक को स्थिर से नकारात्मक किया
दिग्गज रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि सिलिकान वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के दिवालिया होने से कुछ अन्य बैंकों को भी ग्राहकों द्वारा पैसे की निकासी का जोखिम उठाना पड़ सकता है। छोटे बैंकों से जमा की निकासी तेज हो सकती है। एजेंसी ने बैंकिग क्षेत्र के लिए अपने आउटलुक को स्थिर से नकारात्मक कर दिया है। मूडीज ने कहा कि बढ़ती ब्याज दरें भी बैंकिग सेक्टर के लिए एक चुनौती हैं। उधर, एसएंडपी ग्लोबल ने कहा है कि उसे दूसरे छोटे बैंकों से जमा निकाले जाने का खतरा नहीं दिखाई देता।
एसवीबी के खाते से 60 करोड़ रुपये दूसरे बैंकों में डाले
नजारा टेक्नोलाजीज ने बताया कि उसकी सब्सिडियरी के सिलिकान वैली बैंक में कुल 64 करोड़ रुपये जमा थे। इसमें से 60 करोड़ रुपये दूसरे बैंक खातों में सफलतापूर्वक हस्तांतरित कर दिए गए हैं। कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया कि एसवीबी के खातों में अब भी उसके चार करोड़ रुपये हैं। यह रकम गैर-प्रतिबंधित परिचालन उपयोग के लिए है। नजारा ने बताया कि दोनों कंपनियों-किडोपिया इंक और मीडियावर्क्स इंक को एसवीबी में जमा पूरे 64 करोड़ रुपये तक बिना कोई बाधा के पहुंच दी गई थी।