सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) के उस परामर्श को वापस ले लिया है, जिसमें आम जनता को किसी भी कंपनी के साथ अपने आधार की फोटो कापी साझा करने को लेकर आगाह किया गया था। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि वह आधार की फोटो कापी साझा करने का परामर्श वापस ले रहा है, क्योंकि इसकी गलत व्याख्या की जा सकती है। इससे पहले मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी थी कि वे वे किसी भी संगठन या कंपनी के साथ अपने आधार की फोटो कापी साझा नहीं करें, क्योंकि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। इसकी जगह आधार संख्या के सिर्फ अंतिम चार अंकों को दर्शाने वाले आधार (मास्क्ड आधार) का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें आधार संख्या के पहले आठ अंक छिपे रहते हैं और सिर्फ अंतिम चार अंक ही दिखते हैं। हालांकि इस परामर्श की गलत व्याख्या की आशंका को देखते हुए मंत्रालय ने इसे तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया।
यूआइडीएआइ के बेंगलुरु स्थित क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से जारी स्पष्टीकरण में आम जनता से किसी भी संगठन के साथ अपने आधार की फोटो कापी साझा नहीं करने को कहा गया था। इसमें विकल्प के तौर पर आधार संख्या के अंतिम चार अंकों को प्रदर्शित करने वाले आधार का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई थी। मंत्रालय ने बयान में कहा कि यूआइडीएआइ की तरफ से जारी आधार कार्डधारकों को केवल अपने आधार नंबर के इस्तेमाल एवं उसे दूसरे के साथ साझा करने में सहज विवेक का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। बयान में कहा गया कि आधार पहचान के सत्यापन की व्यवस्था ने आधार धारक की पहचान और गोपनीयता की रक्षा और सुरक्षा के लिए पर्याप्त बंदोबस्त किए हैं।