महाकवि कालिदास जी का जन्म कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को हुआ था। उत्तराखंड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में हुआ था। कहा जाता है कि प्रारंभिक जीवन में कालिदास अनपढ़ और मूर्ख थे लेकिन अयोग्य होने के कारण पत्नी द्वारा अपमान किये जाने और घर से निकाले जाने पर उन्होंने अपनी योग्यता का विस्तार किया और एक दिन देश के महान महाकवि कालिदास बन गए।
कालिदास भारत के श्रेष्ठतम कवियों में से एक थे। यह संस्कृत भाषा के विद्वान भी थे। इनको राजा विक्रमादित्य के दरबार के नौरत्न में शामिल किया गया था। श्रृंगार रस की रचनाओं के लिए जाने जाते हैं। इन्होनें श्रृंगार रस की रचनाए इस प्रकार की हैं कि जो एक बार पढ़ ले वह अपने आप इनके भाव से जागृत हो जाएगा। इन्होनें अपने साहित्य में आदर्शवादी और नैतिक मूल्य का विशेष ध्यान रखा हैं। इनकी रचनाओं को कई भाषा में प्रकाशित किया गया हैं। उनकी रचनाएँ भारत की पौराणिक कथाओं पर आधारित हैं। अभिज्ञानशाकुन्तल इनकी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रचना हैं। इनके द्वारा लिखे गए नाटक को विश्व के अनेकों भाषा में अनुवाद किया गया हैं।
कालिदास की प्रमुख रचनाएँ
कालिदास ने अनेकों रचनाएँ लिखी हैं, जिनमे से कुछ बहुत ही सर्वश्रेष्ठ रचनाएँ मानी जाती है। आइये जानतें है उनके द्वारा रचित कुछ महत्वपूर्ण कृतियाँ
• महाकाव्य
रघुवंश
कुमारसंभव
• खंडकाव्य-
मेघदूत
ऋतुसंहार
• नाटक
अभिज्ञान शाकुंतलम्
मालविकाग्निमित्र
विक्रमोर्वशीय
• अन्य रचनाएँ
श्यामा दंडकम्
ज्योतिर्विद्याभरणम्
श्रृंगार रसाशतम्
सेतुकाव्यम्
श्रुतबोधम्
श्रृंगार तिलकम्
कर्पूरमंजरी
पुष्पबाण विलासम्
अभ्रिज्ञान शकुंन्त्लम
विक्रमौर्वशीय
मालविकाग्निमित्रम