साल 2019 में आयी कोरोना महामारी ने समूचे विश्व को हिला दिया। महामारी को आये 4 साल बीत चुके हैं लेकिन वायरस पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। भारत में ही अब तक ओमिक्रॉन के 400 से ज्यादा सब-वैरिएंट सामने आ चुके हैं। दुनिया भर में कोरोना के सैकड़ों वैरिएंट सामने आ चुके हैं और अभी भी कई वैरिएंट और सब वैरिएंट सामने आ रहे हैं। इसी बीच लंदन की एक हेल्थ एनालिटिक्स फर्म ने बताया कि अगले दशक तक कोरोना की तरह ही एक और घातक महामारी आ सकती है। भविष्य बताने वाला हेल्थ एनालिटिक्स फर्म के अनुसार, 27.5% संभावना है कि अगले दशक में कोविड-19 की तरह ही अन्य रूप में कोई घातक महामारी आ सकती है, क्योंकि वायरस बहुत तेजी के साथ अपना दायरा बढ़ता है। बड़े पैमाने पर तेजी के साथ वैक्सीन रोलआउट के जरिये ही घातक वायरस पर काबू पाया जा सकता है। लंदन स्थित एयरफिनिटी लिमिटेड के अनुसार, जलवायु परिवर्तन, अंतर्राष्ट्रीय यात्रा में बढ़ोतरी, बढ़ती आबादी और जूनोटिक बीमारियों से उत्पन्न खतरा ऐसे बीमारियों के जोखिम को और बढ़ा देता है। फर्म के मॉडलिंग के अनुसार, यदि कोई भी नए पैथोजन के खोजे जाने के 100 दिनों के बाद इफेक्टिव वैक्सीन किसी लगाए जाते हैं, तो घातक महामारी की संभावना 8.1% तक गिर जाती है।एयरफिनिटी ने बताया कि सबसे ख़राब स्थिति की बात करें तो बर्ड फ्लू वायरस का एक म्युटेटेड रूप जो कि ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन के जरिये एक दिन में ही ब्रिटेन में 15000 हजार लोगों की मृत्यु हो सकती है। दुनिया अब कोविड-19 के साथ जी रही है, स्वास्थ्य विशेषज्ञ अगले संभावित वैश्विक खतरे की तैयारी पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पिछले दो दशकों में पहले से ही तीन प्रमुख कोरोना वायरस देखे गए हैं जो SARS, MERS और Covid-19 का कारण बनते हैं, इसके साथ ही साल 2009 में स्वाइन फ्लू महामारी भी शामिल है।