कटनी रेल रूट पर रेलवे के द्वारा जान-माल के साथ लापरवाही बरती जा रही है। सैकड़ों फीट की उंचाई पर बने पुल के सपोर्ट के लिए रेलवे ने लकड़ी की बल्लियों का सहारा देकर ट्रेनों को दौड़ाया जा रहा है। दरअसल, रेल रूट पर बिलासपुर डिवीजन के खोडरी और भनवारटंक स्टेशन के बीच में अमरनाला में डाउन लाईन पर क्रमांक 799 पर सौ साल से भी पुराना पुल बना हुआ है। भनवारटंक सुरंग डाउन लाइन पर है और इससे निकलते ही ठीक सामने 500 मीटर की दूरी पर गहरी खाई है।
इस अमरनाला खाई पर बना 116 साल पुराने पुल को रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने एक पिलर के नीचे सहारा देने के लिए लकड़ी की बल्लियां लगा दी हैं। इन बल्लियों के सहारे पुल को सपोर्ट देकर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। यह पुल साल 1907 में टनल के साथ ही बनाया गया था। रेलवे द्वारा आखिर बांस बल्लियों का सहारा क्यों लिया गया यह तो अभी स्पष्ट नहीं है, पर कमोबेश पहली बार ऐसा नजारा देखा जा रहा है। घने जंगलों और पहाड़ों के बीच रेलवे की यह लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए।