ऊर्जा कीमतों में वृद्धि और विदेशी निवेशकों द्वारा पैसे निकाले जाने की चिंताओं के बीच रूस-यूक्रेन संघर्ष का इस सप्ताह शेयर बाजार पर सर्वाधिक असर होगा। विश्लेषकों ने कहा कि प्रतिभागी इस सप्ताह घोषित किए जाने वाले जीडीपी अनुमान और मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए जारी होने वाले पीएमआइ डाटा जैसे संकेतों पर भी अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘इस सप्ताह रूस-यूक्रेन संकट से संबंधित घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखी जाएगी। महंगाई को देखते हुए निवेशकों और बाजार सहभागियों की नजर ऊर्जा कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी रहेगी।”
लगभग दो वर्षों में सबसे खराब सत्र को झेलने के एक दिन बाद शुक्रवार को बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी ने 2.5 प्रतिशत तक की छलांग लगाई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,328.61 अंक या 2.44 प्रतिशत चढ़कर 55,858.52 पर बंद हुआ। इसी तरह, एनएसई निफ्टी 410.45 अंक या 2.53 प्रतिशत बढ़कर 16,658.40 पर पहुंच गया। हालांकि, साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 1,974 अंक या 3.41 प्रतिशत और निफ्टी ने 618 अंक या 3.57 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। विशेषज्ञों के मुताबिक अगले कुछ दिन बाजार में उथल-पुथल रहेगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘व्यापारियों को किसी भी तेज उतार-चढ़ाव से सतर्क रहना होगा। निवेशक मौजूदा गिरावट का उपयोग अपने पोर्टफोलियो में गुणवत्ता वाले ब्लू चिप कंपनियों के शेयर जोड़कर कर सकते हैं।” बाजार की नजर आटो कंपनियां द्वारा जारी किए जाने वाले मासिक बिक्री के आंकड़ों पर भी रहेगी।