जब हम संगीत सुनते हैैं, तो हल्का महसूस करने लगते हैैं और अगर वह संगीत पसंदीदा हो, तो मन का मयूर नाच उठता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दिमाग संगीत व गानों के अनुरूप अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देता है। पहली बार अमेरिका स्थित एमआइटी के न्यूरोसाइंटिस्ट ने मनुष्यों के दिमाग में स्थित न्यूरान की उस आबादी की पहचान की है, जो गायन के दौरान प्रतिक्रिया देती हैै, लेकिन दूसरे प्रकार के संगीत के दौरान नहीं। ‘करंट बायोलाजी” नामक पत्रिका में प्रकाश्ाित यह अध्ययन बताता है कि आडिटरी कार्टेक्स (दिमाग का एक विशेष हिस्सा) में पाए जाने वाले ये न्यूरान आवाज और संगीत के विशिष्ट संयोजन पर प्रतिक्रिया देते हैैं, लेकिन नियमित भाषण या वाद्य संगीत पर नहीं। एमआइटी के पूर्व शोध छात्र व यूनिवर्सिटी आफ रोचेस्टर मेडिकल सेंटर के असिस्टेंट प्रोफेसर सैम नार्मन-हैगनेरे के अनुसार, ‘यह अध्ययन आडिटरी कार्टेक्स के भीतर अलग-अलग क्रियाओं का सुबूत प्रदान करता है, जो संगीत में सहज भेद करने के लिए उत्तरदायी होते हैैं।” अध्ययन के प्रमुख लेखक हैगनेरे ने कहा, ‘न्यूरान की एक आबादी गायन का जवाब देती है और उसके बहुत पास न्यूरान की एक अन्य आबादी व्यापक रूप से बहुत सारे संगीत पर प्रतिक्रिया देती है। एफएमआरआइ के पैमाने पर वे इतने करीब हैं कि आप उन्हें अलग नहीं कर सकते, लेकिन इंट्राक्रैनियल के साथ रिकार्डिंग ने हमें इन्हें अलग करने का आधार प्रदान किया।”