राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीट बंटवारे का काम पूरा हो गया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात के दौरान घटक दलों की हिस्सेदारी तय हो गई है। हालांकि आधिकारिक तौर पर यह जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन चर्चा है कि भाजपा को इस बार भी जदयू से कुछ कम सीटों पर ही संतोष करना होगा। प्रस्तावित फार्मूले के तहत जदयू को 119 सीटें मिलने की संभावना है। भाजपा को 100, जबकि लोजपा को 24 सीटें दी जाएंगी। जीतन राम मांझी के हिदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को कितनी सीटें दी जाए, यह जदयू पर छोड़ दिया गया है। जदयू उसे अपने हिस्से से सीटें देगा। हालांकि अनुमान है कि हम को आधा दर्जन से अधिक सीटें नहीं मिलने वाली हैं। साथ ही मांझी को विधान परिषद की भी एक सीट दी जा सकती है।
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कई बार यह कहा कि सीटों की संख्या को लेकर अभी उनकी न तो जदयू से और न ही भाजपा के किसी नेता से आधिकारिक बात हुई है। फिलहाल चर्चा है कि फार्मूले के तहत लोजपा को महज 24 सीटें मिल रहीं, लेकिन उसे आधा दर्जन के करीब सीटें भाजपा अपने हिस्से से देगी। अगर ऐसा हुआ तो उन सीटों पर प्रत्याशी भी भाजपा ही देगी।
हम की तरह लोजपा को भी विधान परिषद में एक सीट मिलेगी। चर्चा है कि उच्च स्तर पर यह सहमति बनी है कि मनोनयन वाली सीटों में से एक लोजपा को दी जाए। पूर्व में लोजपा के पशुपति कुमार पारस इस कोटे से विधान पार्षद थे। वे नीतीश कुमार सरकार में लोजपा के एकमात्र मंत्री भी थे। हाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से संसद पहुंच चुके हैं।