बीजेपी के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने रीपा केंद्र के निर्माण को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कांंग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में हुए रीपा निर्माण केंद्रों पर 600 करोड़ रुपए खर्च किए गए। उन्होंने विधानसभा सदन में अपने प्रश्नकाल के दौरान उपमुख्यमंत्री से रीपा केंद्रों की प्रासंगिकता पर सवाल किए। हमने सदन में रीपा को लेकर प्रश्न पूछा कि प्रदेश में 300 रीपा केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिस पर करीब 600 करोड़ की राशि खर्च की गई है, लेकिन जिस प्रकार से रीपा का मामला आया और उसमें आज केंद्रों पर जाएंगे तो वहां ताला लटका मिलेगा। कहीं पर मशीन नहीं है तो कहीं मशीन है तो वह बंद पड़ा हुआ है। सरपंचों से दस्खत कराके उसमें अधिकारियों द्वारा खरीदी की गई।
कौशिक ने कहा, उसमें प्रोजेक्ट बनाने के लिए ही 50 लाख से 80 लाख रुपए लिया गया, जबकि रीपा योजना 2 करोड़ की है। इस प्रकार जिस तरीके से पूरे मामले में डीएमएफ फंड का भी इस्तेमाल हुआ है। इसलिए हमने कहा, इसमें किस-किस मद की राशि खर्च की गई है। इसमें उन्होंने अलग-अलग बताया। लेकिन तरीके से बात सामने आई, उससे पता चला कैसे डीएमएफ फंड की राशि का कैसे बंदरबाट किया जाता है। वह रीपा के माध्यम से देखने को मिला। वहीं इन सारी अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर हमने मांग किया कि रीपा की जांचा होनी चाहिए और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच होनी चाहिए। ताकि सारे मामले सामने आ सके। मुझे अच्छा लगा हमारे उपमुख्यमंत्री जी ने जवाब दिया, हम मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच करेंगे। हमने इस जांच के समय सीमा की बात कही तो उन्होंने तीन महीने में जांच पूरा होने का आश्वासन दिया।