कैलिफोर्निया-अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का आर्टेमिस-1 मून मिशन आज पूरा हो गया। रविवार को 11 बजकर 10 मिनट पर ओरियन स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी पर वापस लौट आया। इसकी लैंडिंग मेक्सिको के ग्वाडालूप द्वीप के पास प्रशांत महासागर में हुई। नासा ने 25 दिन पहले 15 नवंबर को यह मिशन तीसरी कोशिश में लॉन्च किया था। नासा के मुताबिक पृथ्वी में ओरियन की एंट्री खास है। पहली बार ‘स्किप एंट्री’ तकनीक अपनाकर धरती पर लैंडिंग हुई। इस प्रोसेस में तीन स्टेप्स थे। सबसे पहले ओरियन ने पृथ्वी के वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में एंट्री की। इसके बाद यह अपने अंदर मौजूद कैप्सूल की मदद से वायुमंडल के बाहर आया। आखिर में पैराशूट के जरिए दोबारा वायुमंडल के अंदर आ गया। स्किप एंट्री के दौरान स्पेसक्राफ्ट के क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल एक दूसरे से अलग हो गए। सर्विस मॉड्यूल आग में झुलस गया, तो वहीं क्रू मॉड्यूल अपनी तय जगह पर पैराशूट के सहारे गिरा। वायुमंडल में दोबारा एंट्री से उसकी गति काफी धीमी हुई। बता दें कि आर्टेमिस-1 मिशन एक टेस्ट फ्लाइट है। नासा आर्टेमिस-2 मिशन में एस्ट्रोनॉट्स को भेजने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में धरती पर ओरियन की लैंडिंग पर वैज्ञानिकों की पैनी नजर रही। इसके अलावा स्किप एंट्री नासा की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है और ओरियन इसका पहला अटेम्प्ट था। अब टेस्ट फ्लाइट के रिजल्ट पर ही अगली फ्लाइट की तैयारी निर्भर करती है। इसे 2024 में लॉन्च करने की प्लानिंग है।