मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कारण फिलहाल अटका हुआ है। जब भाजपा को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए लगेगा तभी बातचीत होगी। अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है।
जाहिर है कि बिहार में फिलहाल एनडीए विधायकों को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए इंतज़ार करना होगा। ऐसे में वर्तमान मंत्रियों को एक से अधिक विभागों का जिम्मा अगले एक महीने तक संभालना होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कहने का साफ अर्थ है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फिलहाल भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बहुत जल्दी में नहीं है। इसलिए मंत्रिमंडल का विस्तार रुका हुआ है। हालांकि भाजपा ने विधानसभा की समिति में अपने कई पूर्व वरिष्ठ मंत्रियों जैसे नंदकिशोर यादव या विनोद नारायण झा को अध्यक्ष बनाकर उनके मंत्री बनने की संभावना खत्म कर दी हैं। वहीं जनता दल यूनाइटेड ने भी अपने कुछ वरिष्ठ नेता जैसे नरेंद्र नारायण यादव और दामोदर रावत को भी विधानसभा समितियों में संयोजक बनाकर साफ कर दिया है कि अब वह नए लोगों को मौका देने वाला है।
जानकारों को मानना है कि भाजपा और नीतीश के बीच मंत्रिमंडल में किसको कितना प्रतिनिधित्व मिलेगा, इसको लेकर कोई कोई कन्फ़्यूज़न नहीं है। हालांकि राज्यपाल कोटे से जिन 12 सदस्यों का मनोनयन होगा उसमें बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में किसको कितना मिलेगा यह विवाद का एक कारण है।