वाराणसी-ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में अदालत ने 30 साल बाद पूजा-पाठ की इजाजत दी। आदेश पर अमल करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने कड़ी सुरक्षा में तहखाने में देर रात से ही पूजा-अर्चना शुरू करा दी। गुरुवार तड़के मंगला आरती भी हुई। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि व्यासजी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा राग-भोग व्यास परिवार और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के पुजारी से कराएं। जिला जज ने अपने ऑर्डर में लिखा है कि रिसीवर जिला मजिस्ट्रेट को यह निर्देश दिया जाता है कि वह चौक थाना क्षेत्र के सेटलमेंट प्लाट नंबर-9130 में स्थित भवन के दक्षिण के तरफ स्थित तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा राग-भोग पुजारी से कराएं। असदुद्दीन ओवैसी बोले- ये खुले तौर पर वर्शिप एक्ट का उल्लंघन, फैसला देने वाले जज का रिटायरमेंट का दिन था। 17 जनवरी को उन्होंने डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट को रिसीवर अपॉइंट किया था। अब आपने तहखाने में पूजा का अधिकार देकर पूरे केस को ही डिसाइड कर दिया। 1993 से वहां कुछ नहीं हो रहा था, लेकिन आपने अब पूजा का अधिकार दे दिया है। ये खुले तौर पर वर्शिप एक्ट का उल्लंघन है, ये गलत फैसला है। छह दिसंबर फिर दोहराया जा सकता है। जब राम मंदिर मामले में फैसला आया था, हमने उसी वक्त कहा था कि आस्था की बुनियाद पर फैसला दिया गया है। अब आगे भी यह मामले चलते रहेंगे।