नई दिल्ली। क्या धरती के अलावा दूसरे ग्रह और उपग्रह पर भी जीवन को बसाया जा सकता है? इस सवाल का जवाब वैज्ञानिक काफी लंबे समय से खोज रहे हैं। इनमें मंगल और चंद्रमा पर इंसानी बस्ती बसाने की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में दूसरे ग्रहों पर ऑक्सीजन पैदा करने का तरीका खोज लिया है। इसके दम पर कहा जा सकता है कि भविष्य में धरती के अलावा दूसरे ग्रहों-उपग्रहों पर भी इंसानी बस्ती बसायी जा सकती है। अब चांद के पत्थरों से ऑक्सीजन निकालने की तैयारी है। इसके लिए यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने थेल्स एलेनिया स्पेस के साथ डील की है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी और थेल्स एलेनिया स्पेस के बीच 8.47 करोड़ की डील हुई है। फ्रांस और इटली की कंपनियों ने मिलकर इसको बनाया है। इस कंपनी को ऐसी तकनीक का ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए कहा गया है जिससे चांद के पत्थरों से ऑक्सीजन निकाला जा सके। दरअसल यूरोपियन स्पेस एजेंसी की योजना चांद के पत्थरों से ऑक्सीजन निकालने के लिए एक ऐसी तकनीक विकसित कराने की है जिसे मानवरहित अंतरिक्षयान में भेजकर भविष्य में इंसानी बस्तियों को बनाने में सहायता ली जाए। चांद के पत्थरों को तोड़कर ऑक्सीजन निकाला जाएगा। पत्थरों से निकाले गए ऑक्सीजन को एक खास टैंकर में संभालकर रखा जाएगा। थेल्स एलेनिया स्पेस के अधिकारी रोजर वार्ड का कहना है कि आने वाले दो साल के भीतर इस प्रोजेक्ट को लॉन्च कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी चाहत है कि चांद पर अपना रिसर्च स्टेशन स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हर बीस साल पर वहां जाने से अच्छा है कि हम वहां लगातार आते जाते रहें। चांद पर इंसानों को बसाने की बात करते समय संसाधनों की जरूरत महसूस होती है। ब्रिटिश फर्म मेटालिसिस ने एक खास किस्म का केमिकल प्रोसेस तैयार किया है जिससे पत्थरों से ऑक्सीजन निकाला जा सकता है। आन वाले दिनों में चांद पर रीफ्यूलिंग स्टेशन का निर्माण किया जाएगा जिससे अंतरिक्ष में अधिक दूरी तक इंसानी मशीनों को ले जाया जा सके।