भोपाल। देश में पेट्रोल डीजल के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं। ऐसे में अगर कोई पूछे कि क्या आप दो लीटर पेट्रोल में पूरे महीने गाड़ी चला सकते हैं? जवाब होगा नहीं, लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार अपने कर्मचारियों से यही चाहती है। एक ओर पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं वहीं प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को अभी भी वाहन भत्ते के रूप में सिर्फ 200 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को वाहन भत्ते के रूप में हर महीने 200 रुपये मिलते हैं। पेट्रोल-डीजल के कीमतों को देखते हुए इस राशि में दो लीटर से कुछ ज्यादा ही पेट्रोल मिल सकता है, जिससे पूरे महीने तो सरकारी कामों के लिए आना-जाना बमुश्किल ही हो पाएगा। इसके इतर, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को प्रतिमाह लगभग दो हजार रुपये वाहन भत्ता मिल रहा है। प्रदेश के अधिकारियों को हर महीने 60 लीटर पेट्रोल की पात्रता है। इसके साथ ही उन्हें वाहन व ड्राइवर भी मिल रहा है।
केवल चार शहरों के कर्मचारियों को मिल रहा वाहन भत्ता
प्रदेश के केवल चार बड़े शहरों में सरकारी कर्मचारियों को वाहन भत्ता मिलता है। इसमें बी-1 श्रेणी के भोपाल व इंदौर और बी-2 श्रेणी के ग्वालियर व जबलपुर शामिल हैं। इनमें भी नगर निगम सीमा में कार्यरत कर्मचारियों को भत्ते की पात्रता है। प्रदेश के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वाहन भत्ता 2000 रुपये करने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को भी मांगपत्र सौंप चुके हैं।
बढ़ाकर 200 रुपये किया गया वाहन भत्ता प्रदेश सरकार ने सितंबर 2012 में वाहन भत्ते की राशि 50 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये की थी। मार्च 2003 में भोपाल के कर्मचारियों के लिए 15 रुपये प्रतिमाह वाहन भत्ते के आदेश किए गए थे। ब्रह्मस्वरूप कमेटी की सिफारिश के आधार पर सितंबर 2003 में इसमें संशोधन करते हुए इंदौर, ग्वालियर व जबलपुर को भी जोड़ दिया गया।