रायपुर। अब बच्चों के खिलौने, जूते-चप्पल में भी आईएसआई मार्क लगेंगे । केंद्र सरकार ने लोगों के सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर यह फैसला लिया गया है। खासतौर पर बच्चों की सुरक्षा के लिए खिलौने को भी मापदंड में लाया गया है। 1 जनवरी से खिलौना बनाने वाली कंपनियों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। खिलौना कंपनियों को अब तयशुदा मापदंड के अनुसार खिलौनों का निमाज़्ण करना होगा। 1 जुलाई से देश में यही व्यवस्था रबड़ की चप्पलों और जूतों के लिए भी लागू कर दी गई है। देश में 308 से ज्यादा स्टील, प्लास्टिक, रबड़ समेत अन्य प्रोडक्ट को इसके दायरे में लाया गया है। लोगों से अपील की जा रही है कि बिना आईएसआई मार्क के कोई भी सामान न खरीदें। आईएसआई मार्क उच्च गुणवत्ता और पैमाना का चिन्ह है। हेलमेट से लेकर मास्क लेते समय भी आईएसआई का मार्क जरूर देखें। भारतीय मानक ब्यूरो के रायपुर ब्रांच के हैड व वैज्ञानिक वी गोपीनाथ ने बताया कि किसी फैक्ट्री या निर्माण एजेंसियों को बीआईएस से प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है। यह प्रमाणपत्र परीक्षण के बाद ही जारी किया जाता है। स्वास्थ्य और सुरक्षा के आधार पर सभी प्रोडक्ट का मापदंड तय किया गया है।
-हर आईएसआई मार्क प्रमाण नहीं
वैज्ञानिक गोपीनाथ ने बताया कि कई प्रोडक्ट पर सिर्फ आईएसआई लिखा होता है। वह बीआईएस का मार्क नहीं है। लोग फर्जी लिखकर सामान बेच रहे हैं। आईएसआई के ऊपर छोटे अक्षर में आईएस नंबर लिखा होता है। नीचे लाइसेंस नंबर अंकित रहता है। कुछ प्रोडक्ट में क्लास, टाइप और ग्रेड लिखा होता है। लेकिन इनमें भी आईएस नंबर होता है। इसे देखने के बाद ही खरीदारी करें।
-नकली मार्क देखने पर करें शिकायत
किसी भी सामान पर नकली आईएसआई मार्क लगा हो तो सीधे शिकायत कर सकते हैं। रायपुर ब्रांच के 0771-2412236, 2412236 नंबर पर फोन करके शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा बीआईएस केयर एप डाउनलोड करके शिकायत कर सकते हैं। मानक ब्यूरो की वेब साइट में जाकर सूचना दे सकते हैं।