छत्तीसगढ के बिलासपुर एक महिला के हाथ एक नाग चार घंटे लपेटे रहा। इस दौरान महिला सांस रोककर बिस्तर पर लेटी रही। उक्त महिला
के साथ उनकी बेटी भी सो रही थी। महिला को सांप होने का संदेह हुआ तो हिली डुली नहीं, बल्कि समझदारी से काम लेते हुए पहले अपनी बेटी रोशनी को बिस्तर से उठकर जाने के लिए कही।सुबह सपेरे ने आकर नाग को पकड़ा तो उसकी जान में जान आई। बड़ी बात यह रही कि उसने महिला को काटा नही।
कोनी थाना के ग्राम गतौरी निवासी यशोदा लोनिया पति स्व. बृजलाल लोनिया (35) गांव में ही रोजी मजदूरी करती है। मंगलवार की रात को वह अपनी बेटी रोशनी (18) के साथ लकड़ी के तखत में बिस्तर लगाकर सो रही थी। करीब 2 बजे उसके हाथ में किसी चीज के रेंगने का अहसास हुआ। कमरे में अंधेरा था। उसे सांप होने का संदेह हुआ तो हिली डुली नहीं बल्कि समझदारी से काम लेते हुए पहले अपनी बेटी रोशनी को बिस्तर से उठकर जाने के लिए कही। बोली अब उसका जो होगा देखा जाएगा पर वह चली जाए।
बेटी ने कमरे की लाइट जलाकर देखा तो सांप उसकी मां के हाथ को लपेटकर फन लगाए बैठा था। वह बेटी आसपास रहने वाले अपने रिश्तेदारों को इस बात की जानकारी दी फिर उन्होंने पास के गांव के सपेरे को जाकर बुलाया। सुबह करीब 6 बजे सपेरा आया तो सांप को महिला के हाथ से अलग किया। करीब चार घंटे तक महिला बिना हिली डुली पड़ी रही। सांप के पकड़े जाने के बाद उसके जान में जान आई। भूरे रंग की सांप को गांव में गउंहा डोमी कहते हैं। यह जहरीला कोबरा है इसके काटने से आदमी एक घंटे के भीतर ही मर जाता है।