अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम के नेतृत्व वाली डी-कपंनी के निशाने पर नेता और कारोबारी हैं। इन्हें निशाना बनाने के लिए उसने एक विशेष इकाई का गठन किया है। यही नहीं, विशेष इकाई के सदस्यों को प्रमुख हस्तियों के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले घातक हथियार भी उपलब्ध कराए गए हैं। मुंबई की विशेष अदालत में दायर चार्जशीट में एनआईए ने ये दावा किया है।
जांच एजेंसी का दावा है कि डी-कंपनी ने प्रतिष्ठित हस्तियों पर हमला करके लोगों में आतंक फैलाने के मकसद से इस विशेष इकाई की स्थापना की है। टेरर फंडिग और पूरे भारत में आतंक फैलाने के मामले में दाऊद इब्राहिम, उसके करीबी छोटा शकील, आरिफ अबुबकर शेख, शब्बीर अबुबकर शेख और मोहम्मद सलीम कुरैशी के खिलाफ एनआईए की ओर से ये चार्जशीट मुंबई की विशेष अदालत में दाखिल की गई थी। चार्जशीट में इब्राहिम और छोटा शकील को वांछित आरोपित के तौर पर दिखाया गया है जबकि तीन अन्य एनआइए की गिरफ्त में हैं। सभी आरोपित मुंबई के निवासी हैं।
एनआईए की मुंबई शाखा ने इस साल तीन फरवरी को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम और आइपीसी के तहत केस दर्ज किया था। जांच के दौरान सामने आया कि आरोपितों ने गिरोह की आपराधिक गतिविधियों के लिए षड्यंत्र रचा था। आरिफ और शब्बीर को कुल 25 लाख नकद हवाला चैनल के जरिए पाकिस्तान से दुबई होते हुए मुंबई भेजे गए। यह और कुछ नहीं बल्कि आतंकवाद की काली कमाई थी। जांच से पता चला कि आरोपित एक संगठित अपराध सिडिकेट के सदस्य हैं। उन्होंने विभिन्न् प्रकार की आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर गिरोह की गतिविधियों को आगे बढ़ाया। उन्होंने डी-कंपनी और व्यक्तिगत लाभ के लिए लोगों को धमकी देकर, मौत के घाट उतारने या गंभीर चोट पहुंचाने का डर दिखाकर भारी मात्रा में धन जुटाया। जबरन वसूली की। यही नहीं, देश की सुरक्षा को खतरे में डाला। जांच में सामने आया कि आरोपितों ने हवाला के माध्यम से विदेश में मौजूद वांछित आतंकियों से भारी मात्रा में धन प्राप्त किया।
एनआईए की जांच में सामने आया कि 2011 में और उसके बाद आरोपित सलीम कुरैशी ने दाऊद और शकील के निर्देश पर पीड़ितों को धमकाकर मुंबई में दो फ्लैटों के मूल आवंटन पत्र हड़प लिए थे। इन फ्लैटों की कीमत लगभग 2.70 करोड़ रुपये थी। इसी तरह सलीम फ्रूट के नाम से मशहूर कुरैशी ने एक अन्य पीड़ित को मर्डर और गंभीर चोट मारने का डर दिखाकर उससे 53.75 लाख रुपये की वसूली की थी। कुरैशी डी-कंपनी की आतंकवाद और आपराधिक गतिविधियों को संभालने वाले मुख्य व्यक्तियों में से एक है।
जांच एजेंसी ने दावा किया कि ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें गिरफ्तार और वांछित आरोपित पैसे की उगाही करके डी-कंपनी की गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे थे और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे।