राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद झींझक स्टेशन पर अपनी भाभी विद्यावती से मुलाकात के दौरान मजाक करने से नहीं चूके। उनसे मिलने वाले 38 लोगों की सूची में भाभी विद्यावती और भतीजी हेमलता भी शामिल थीं। भाभी के सामने आते ही उन्होंने चुटकी ली “भाभी आजकल अखबारों में खूब छप रही हो” इस पर दोनों अपनी हंसी नहीं रोक पाए। विद्यावती ने बाद में बताया कि बचपन में भी लल्ला की मजाक करने की आदत थी, आज भी वह अपने को नहीं रोक पाए। इससे उनकी पुरानी यादें ताजा हो गईं। भतीजी हेमलता से कुशलक्षेम पूछी, दोनों से उन्होंने घर के सभी लोगों के हाल-चाल लिए। विद्यावती उन्हें अपने हाथ से बनाए पेड़े देने के लिए लाई थीं लेकिन प्रोटोकॉल के चलते नहीं दे पाईं।
राष्ट्रपति के भाई प्यारेलाल से मुलाकात के दौरान उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। उनसे घर के सभी सदस्यों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सबसे ज्यादा समय प्यारेलाल कोविंद को दिया। उनसे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने को कहा और भतीजे दीपक से कुशलक्षेम पूछी। वहीं रूरा स्टेशन पर राष्ट्रपति ने एक बच्चे को चॉकलेट दी तो हर कोई भाव-विभोर हो गया। उनको भगवान गणेश की प्रतिमा भेंट की गई। कोविंद से मिलकर सभी बेहद प्रफुल्लित नजर आए।
इससे पहले राष्ट्रपति दिल्ली से विशेष ट्रेन से झींझक और रूरा रेलवे स्टेशन पहुंचे तो लोगों को अपनेपन का अहसास करा दिया। उन्होंने कहा कि आप लोगों के बीच आने का बहुत मन करता है, हमारे और आपके दिलों के बीच कोई दूरी नहीं है। आप सभी से बातें तो बहुत करनी हैं लेकिन समय की पाबंदी है। यहां मिले अपनेपन को कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने राष्ट्रपति और अपनों के बीच की दूरी मिटाने की कोशिश भी की। लोगों को अहसास कराया कि भले ही वह देश के प्रथम नागरिक हैं लेकिन उनके लिए अपने ही हैं। वह परौंख गांव में पले और वहां प्राथमिक शिक्षा हासिल की। इसके बाद वह झींझक के खानपुर पढ़ने आते थे।
अपना बचपन याद दिलाते हुए बोले, झींझक स्टेशन की इन्हीं कुर्सियों पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करते थे। यहां के हर पल उन्हें याद आते हैं। खानपुर के बाद उच्च शिक्षा के लिए वह कानपुर और फिर दिल्ली चले गए। दिल्ली से राज्यसभा और फिर बिहार के राजभवन से होकर राष्ट्रपति भवन तक पहुंचे। यहां पहुंचने में कानपुर देहात का ही योगदान है। उन्होंने कहा कि रूरा से भी उनका नजदीकी लगाव रहा है, यहां आने पर लोगों का स्नेह और प्यार मिला।
कोविंद ने लोगों का अभिवादन किया तो कुर्सियों पर बैठी पब्लिक ने खड़े होकर तालियां बजाईं। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी इच्छा पूरा कानपुर देहात घूमने की थी। ट्रेन से आने पर इच्छा पूरी हो गई। झींझक में रुकने पर रसूलाबाद विधानसभा हो गई। रूरा से अकबरपुर-रनियां विधानसभा के दर्शन हो गए। 27 को परौंख और पुखरायां जाएंगे जहां से सिकंदरा और भोगनीपुर विधानसभा का भ्रमण भी हो जाएगा। इस बात का संतोष है कि पूरा कानपुर देहात भ्रमण कर लिया।
झींझक और रूरा स्टेशन पर पहुंचे कोविंद अपनों से बड़ी आत्मीयता से मिले, उनके इस व्यवहार से करीबी फूले नहीं समाए। झींझक में अपने परिवार के साथ और करीबियों से मिले तो रूरा स्टेशन पर दो परिवारों से मिलने के साथ उन्होंने संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कराने की सीख दी।