विज्ञानियों ने एक नए अध्ययन में पाया कि दैनिक आहार में स्ट्राबेरी को शामिल करना न सिर्फ अल्जाइमर से बचाव, बल्कि उससे मुकाबले में भी मददगार हो सकता है। अमेरिका स्थित आरयूएसएच यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि स्ट्राबेरी में मौजूद बायोएक्टिव यौगिक पेलार्गोनिडिन मस्तिष्क के टाऊ टैैंगल्स से संबंधित हो सकता है। टैैंगल्स अल्जाइमर के संकेतों में शामिल हैैं, जो मतिष्क के टाऊ प्रोटीन में असमान्य परिवर्तन के कारण पैदा होते हैैं।
आरयूएसएच अल्जाइमर डिजीज सेंटर में सहायक प्रोफेसर जूली श्नाइडर के अनुसार, ‘हम समझते हैैं कि पेलार्गोनिडिन की सूजन कम करने की क्षमता समग्र रूप से तंत्रिकाओं के सूजन में भी असरदार हो सकती है। इससे साइटोकाइन का उत्पादन कम हो सकता है।” साइटोकाइन कोशिकाओं द्वारा उत्पादित प्रोटीन हैैं, जो सूजन से जुड़ी प्रतिक्रियाओं का नियमन कर सकते हैैं।मस्तिष्क में सूजन अल्जाइमर पैथोलाजी से संबंधित है, जैसे कि टैैंगल्स।
आंकड़े बताते हैैं कि पेलार्गोनिडिन उम्रदराज लोगों के मस्तिष्क की अल्जाइमर से रक्षा करते हैैं और स्ट्राबेरी में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैैं। आरयूएसएच में इंटरनल मेडिसिन की सहायक प्रोफेसर पूजा अग्रवाल ने कहा, ‘वैसे तो बुजुर्गों के मस्तिष्क की देखभाल में पेलार्गोनिडिन की भूमिका की विस्तृत जांच अभी बाकी है, लेकिन अध्ययन निष्कर्ष प्रारंभिक तौर पर यह सलाह देते हैैं कि आहार में स्ट्राबेरी को शामिल करना मददगार साबित हो सकता है।” अध्ययन निष्कर्ष अल्जाइमर डिजीज नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।