एक अक्टूबर से 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक के सालाना टर्नओवर वाले जीएसटी रजिस्टर्ड कारोबारियों को बी2बी सौदों के लिए ई-बिल जेनेरेट करना अनिवार्य होगा। अभी 20 करोड़ रुपये या इससे अधिक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को बी2बी सौदों के लिए ई-इनवायस जेनेरट करना होता है। जीएसटी काउंसिल ने ई-इनवायस को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का फैसला किया था।
जीएसटी के तहत एक अक्टूबर 2020 से 500 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को बी2बी सौदों के लिए ई-इनवायस जेनेरेट करना अनिवार्य किया गया था। इसके बाद एक जनवरी 2021 से टर्नओवर की इस सीमा को घटाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया। इसके बाद एक अप्रैल 2021 से इसे 50 करोड़ रुपये और फिर एक अप्रैल 2022 को 20 करोड़ रुपये कर दिया गया और अब इसे 10 करोड़ रुपये किया गया है।
सीबीआईसी की योजना ई-इनवायस जेनेरेट करने की सीमा को और कम करके पांच करोड़ रुपये करने की है। डेलाय इंडिया के पार्टनर एमएस मणि का कहना है कि जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से जीएसटी का टैक्स बेस बढ़ेगा। उनका मानना है कि जिस तरह से ई-इनवायस के लिए सीमा को कम किया जा रहा है, उस स्थिति में जल्द ही यह सभी श्रेणियों के जीएसटी टैक्सपेयर्स के लिए अनिवार्य हो सकता है।