नई दिल्ली। एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन परीक्षणों के अंतरिम परिणामों में ये बात निकलकर सामने आई है कि यह वैक्सीन मरीजों पर औसतन 70 फीसदी प्रभावी है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसी वैक्सीन के उत्पादन में लगा हुआ है। वैक्सीन के नतीजे आने के बाद वह जल्द ही आपातकालीन विनियामक मंजूरी प्राप्त करने के लिए आवेदन दे सकता है।
वैक्सीन की 70 फीसदी प्रभावकारिता भारत के लिए राहत भरी खबर है। भारत की दवा नियामक संस्था डीसीजीआई द्वारा कोविड-19 वैक्सीन के लिए बनाए गए दिशानिर्देशों में उसी वैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी, जो 50 फीसदी से अधिक प्रभावी होगी। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, हम बहुत जल्द ही आपातकालीन लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे और उम्मीद करते हैं कि यह हमें एक महीने के भीतर मिल जाए। अंतिम मंजूरी डीसीजीआई के निर्णय पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, कंपनी ने अभी तक चार करोड़ खुराक का स्टॉक रखा हुआ है और जनवरी तक यह 10 करोड़ हो जाएगा। इसमें से अधिकतर भारत के लिए होगा। पूनावाला ने बताया, कोवीशील्ड नाम की इस वैक्सीन की बाजार में कीमत 500-600 रुपये प्रति खुराक होगी और सरकार को इसे 220-300 रुपये प्रति खुराक में उपलब्ध कराया जाएगा। मरीजों को वैक्सीन की दो खुराक की आवश्यकता होगी। वहीं, फइजर और मॉडनाज़् के वैक्सीन की कीमत इसके मुकाबले अधिक है। मॉडर्ना के वैक्सीन की कीमत 2,775 प्रति खुराक होगी। वहीं, फाइजर के वैक्सीन की कीमत 1,500 रुपये प्रति खुराक होगी।