साध्वी ऋतंभरा आगर मालवा के नलखेड़ा मां बगलामुखी मंदिर पहुंची। यहां उन्होंने मां के दरबार में दर्शन कर माथा टेका और पूजा-अर्चना की। इसके बाद पंडितों द्वारा विशेष हवन अनुष्ठान करवाया गया। उन्होंने लगभग दो घंटे तक पूरे विधि-विधान से मां की पूजा की।
साध्वी ऋतंभरा नलखेड़ा के विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां बगलामुखी मंदिर पहुंची। यहां उन्होंने पहले मां के दरबार में दर्शन कर मत्था टेका पूजा-अर्चना की। इसके बाद पंडितों द्वारा विशेष हवन अनुष्ठान करवाया गया। वे लगभग दो घंटे से भी अधिक समय तक पूरे विधि-विधान से मां की पूजा करती रही। वह उज्जैन मे संत सम्मेलन के बाद बगलामुखी के दर्शन करने पहुंची थी।
अयोध्या के भव्य राम मंदिर के निर्माण मे साध्वी ऋतंभरा का बहुत बड़ा योगदान है। 1988-89 के दशक में साध्वी ऋतंभरा का हिंदू जागरण दिखा था। जब श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अंतर्गत उन्होंने देशभर में क्रांतिकारी सभाओं के माध्यम से हिंदू समाज को एकजुट किया। इस रैली को 10 लाख हिंदुओं की विराट जनमेदिनी ने सुना था। सौभाग्य से आज हम जिस भव्य राम मंदिर को अयोध्या में बनते देख रहे हैं। उसमें उनका बड़ा योगदान है।