भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी को इस वर्ष साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिल सकता है। अगर उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलता है तो वह साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के तीसरे व्यक्ति होंगे। इससे पहले वर्ष 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर और 2001 में वीएस नायपाल को साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था। नोबेल साहित्य पुरस्कार की घोषणा गुरुवार को की जाएगी।
इस वर्ष अगस्त में न्यूयार्क में सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला किया गया था। एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने गए रुश्दी को हमलावर ने कई मुक्के मारे,इसके बाद चाकू से कई वार किए थे। रुश्दी 1988 में लिखे अपने उपन्यास द सैटेनिक वर्सेस में की गई इस्लाम विरोधी टिप्पणियों के लिए विवाद में आए थे। उपन्यास में की गई टिप्पणियों को कई मुस्लिम देशों ने इस्लाम विरोधी माना था। कई देशों में यह उपन्यास प्रतिबंधित है। ईरान की तत्कालीन कट्टरपंथी सरकार ने रुश्दी की हत्या के लिए 30 लाख डालर के पुरस्कार की घोषणा भी की थी। 1989 में ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमैनी ने उनकी हत्या के लिए फतवा जारी किया था।
मुंबई में जन्मे रुश्दी कई दशक तक ब्रिटेन में रहे हैं। 2007 में रुश्दी को साहित्य की सेवा के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने नाइट की उपाधि से सम्मानित किया था। रुश्दी सन 2000 के बाद अमेरिका चले गए। 2016 में उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिली। रुश्दी को मिडनाइट्स चिल्ड्रेन के लिए 1981 में प्रतिष्ठित बुकर अवार्ड मिला था।