तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अपने चिरपरिचित क्रूर अंदाज में आ गया। उसने पूरे देश शरिया कानून लागू कर दिया और अपने लड़ाकों को इस बात की छूट दे दी है कि वो अपनी मर्जी से जब चाहें, जिस घर से चाहें 12 साल की उम्र से ज्यादा की लड़कियों और विधवा महिला को अपने साथ ले जा सकते हैं। इस बीच खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में गंदा खेल खेल रहा है, जिससे अफगानिस्तान के मासूम लोग मारे जा रहे हैं।
तालिबान 2.0 को लेकर लोगों को उम्मीद थी कि 20 साल से ज्यादा वक्त कर गुफाओं में रहने के बाद कम से कम तालिबान ने इतना सीखा होगा कि लोकतंत्र का सम्मान करे और मजहबी कट्टरता को छोड़े। लेकिन, अफगानिस्तान की स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि तालिबान की सोच और तरीका वही पुरानी कबीलों वाली है। तालिबान ने 25 साल पहले काबुल पर कब्जा किया था।