छत्तीसगढ के रायगढ़ जिले की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए एक शिव मंदिर को हटाने के लिए नायब तहसीलदार नोटिस भेज दिया। नोटिस मिलने के बाद कौहाकुंडा स्थानीय निवासी मंदिर में स्थापित शिवलिंग और जलहरी को रिक्शे पर लादकर न्यायालय पहुंच गए। हालांकि प्रशासन ने यह देखते ही शिवलिंग को न्यायालय के भीतर ले जाने से रोक दिया। इसके कारण सुनवाई नहीं हो पाई और श्रद्धालु देर शाम को शिवलिंग और जलहरी को लेकर लौट गए।
स्थानीय लोगों के अनुसार, शहर के कौहाकुंडा में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण मिली थी। शिकायत मिलने के बाद नायब तहसीलदार ने 10 लोगों को नामजद नोटिस थमाया था। इसमें छठवें नंबर पर मंदिर में विराजे भगवान शिव का नाम भी था। शुक्रवार को भगवान शिव की पेशी थी। अब भगवान साक्षात तो आ नहीं सकते थे, लिहाजा राजस्व अधिकारियों के आदेश पर मोहल्लेवासी शिवलिंग और जलहरी को रिक्शे पर लेकर तहसील पहुंच गए। इसकी जानकारी लगते ही प्रशासन हरकत में आ गया और पुलिस ने शिवलिंग और जलहरी को न्यायालय के भीतर ले जाने से रोक दिया। कोहाकुंडा में हुए अतिक्रमण को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है। इस पर हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन से जवाब मांगा है।
तहसीलदार के न्यायालय में दोपहर दो बजे से अतिक्रमण के मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान उपस्थित पक्षकारों ने अपनी बात रखी, लेकिन शिवजी की सुनवाई नहीं हो पाई। न्यायालय से उन्हें अब 13 अप्रैल की तारीख दी गई है।